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पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम के नायक भगत सिंह से जुड़े न्यायिक रिकॉर्ड देने से किया मना

पाकिस्तान (Pakistan) की एक कोर्ट (Court) के रजिस्ट्रार ऑफिस (Registrar Office) ने गुरुवार को एक एनजीओ (NGO) द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के नायक भगत सिंह (Bhagat Singh) और उनके दो साथियों राजगुरु और सुखदेव से संबंधित न्यायिक रिकॉर्ड मांगे जाने की गुजारिश को अस्वीकार कर दिया है. एजेंसी के मुताबिक, भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी ने लाहौर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस में एक आवेदन दायर कर अदालत के तीन सदस्यीय स्पेशल ट्रिब्यूनल से 7 अक्टूबर, 1930 की तारीख वाले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के न्यायिक रिकॉर्ड मांगे.

“यह घोर अन्याय है…”
लाहौर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस ने अनुरोध स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह फाउंडेशन को रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा सकता. रशीद कुरैशी ने कहा, “लाहौर हाई कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार ताहिर हुसैन ने कहा कि जब तक लाहौर हाई कोर्ट भगत सिंह और अन्य लोगों का न्यायिक रिकॉर्ड फाउंडेशन को उपलब्ध कराने का आदेश नहीं देता, तब तक उनका कार्यालय ऐसा नहीं कर सकता.” उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफिस द्वारा न्यायिक रिकॉर्ड उपलब्ध कराने से इनकार करना घोर अन्याय है.

उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. 23 मार्च, 1931 को ब्रिटिश शासन के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में उनके साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ भगत सिंह को 23 साल की उम्र में फांसी पर लटका दिया गया था.