भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud)ने साफ कर दिया है कि न्यायपालिका एकदम स्वतंत्र(Judiciary is completely independent) है। हालांकि, सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बात जब अदालत के बजट(court budget) और इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure)की आए, तो कोर्ट सरकार के साथ खड़ी है। खास बात है कि हाल ही में सीजेआई के आवास पर आयोजित गणेश जी की पूजा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर काफी सियासी बयानबाजी हुई थी।
सीजेआई ने सोमवार को मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में बम्बई उच्च न्यायालय के नए परिसर की आधारशिला रखी। दक्षिण मुंबई में मौजूदा उच्च न्यायालय भवन के पत्थरों को नींव में शामिल किया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय समारोह में शामिल हुए।
इस मौके पर CJI ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स के न्यायाधीश अपना काम पूरी स्वतंत्रता से करते हैं। लेकिन जब भी बात बजट और बुनियादी ढांचे की आती है, तो हम सरकार के साथ खड़े होते हैं। यह न्यायाधीशों के लिए निजी प्रोजेक्ट्स नहीं हैं।’
नए परिसर में मिलेंगी ये सुविधाएं
उच्च न्यायालय के नए परिसर में विशाल अदालत कक्ष, न्यायाधीशों और रजिस्ट्री कर्मियों के लिए कक्ष, एक मध्यस्थता केंद्र, एक सभागार, पुस्तकालय तथा कर्मचारियों, वकीलों और वादियों के लिए अनेक सुविधाएं होंगी।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि 30.16 एकड़ भूमि का कब्जा चरणबद्ध तरीके से उच्च न्यायालय को सौंप दिया जाएगा। उसने कहा कि 4.39 एकड़ की पहली किस्त पहले ही दी जा चुकी है।
एक अधिकारी ने कहा कि 16 अगस्त 1862 को स्थापित बम्बई उच्च न्यायालय वर्तमान में फ्लोरा फाउंटेन (हुतात्मा चौक) के पास एक इमारत में स्थित है। अधिकारी ने बताया कि अदालत वहां पर नवंबर 1878 से है। बम्बई उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ मुंबई में, जबकि नागपुर और औरंगाबाद के साथ-साथ गोवा में भी पीठ हैं। बम्बई उच्च न्यायालय का केंद्र शासित प्रदेशों दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव पर भी अधिकार क्षेत्र है।