पंजाब के निजी अस्पतालों ने 600 करोड़ रुपये का भुगतान न होने के चलते वीरवार से आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है, जिस कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
योजना के तहत अलग-अलग जिलों में मरीज अस्पतालों में पूर्व निर्धारित समय के तहत इलाज करवाने के लिए पहुंचे, लेकिन इलाज न होने के चलते उनको निराश लौटना पड़ा।
अब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने प्राइवेट अस्पताल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ आज बैठक बुलाई है ताकि उनकी समस्या का समाधान किया जा सके। इसके अलावा भुगतान और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के कामकाज में आ रही समस्याओं को हल करने के लिए 25 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ भी वह एक बैठक करेंगे।
लंबित राशि जारी न होने के चलते लिया फैसला
एसोसिएशन ने लंबित राशि जारी न होने के चलते योजना के तहत इलाज न करने का निर्णय लिया है, जिस कारण इन अस्पतालों में होने वाली सैकड़ों ऑपरेशन लटक गए हैं। समय पर निजी अस्पतालों को योजना के तहत राशि जारी न करने के चलते यह गतिरोध बढ़ा है। इस पर पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि 1 अप्रैल से अब तक 214 करोड़ रुपये की राशि की अदायगी की गई है, जबकि 50 करोड़ की राशि वह एक-दो दिन में और जारी कर रहे हैं।
एसोसिएशन के राज्य सचिव दिव्यांशु गुप्ता ने कहा कि विभाग सिर्फ आंकड़ों का खेल कर रहा है, जबकि उनकी असल समस्या का हल नहीं कर रहा। इस साल फरवरी से अब तक 600 करोड़ रुपये की राशि लंबित है। वहीं, विभाग ने जो राशि जारी की है, उसमें फरवरी से पहले की राशि भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से 13 लाख गरीब परिवारों के ये कार्ड बनाए गए हैं, जबकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 27 लाख परिवारों को और इसमें शामिल कर लिया है, जिसमें छोटे किसान, व्यापारी और अन्य वर्ग के लोग शामिल हैं।
अधिक लाभार्थी होने के कारण राज्य सरकार की राशि कई गुना बढ़ गई है। यही कारण है कि ये राशि अब 600 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। जब तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पूरी राशि जारी नहीं की जाती है, वह योजना के तहत मरीजों का इलाज शुरू नहीं करेंगे।
निजी अस्पतालों का सिर्फ 197 करोड़ रुपये बकाया बाकी : डाॅ. बलबीर सिंह
स्वास्थ्य मंत्री ने एसोसिएशन के 600 करोड़ रुपये की बकाया राशि के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे झूठा और भ्रामक करार दिया है। मंत्री ने बताया कि सरकारी और निजी अस्पतालों का कुल बकाया 364 करोड़ रुपये है। इसमें सरकारी अस्पतालों का 166.67 करोड़ और निजी अस्पतालों का बकाया 197 करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एनएचए) द्वारा शुरू किए गए सॉफ्टवेयर के उपयोग के बाद से फरवरी 2024 से दावे की प्रक्रिया में कुछ तकनीकी खामियां उत्पन्न हुई हैं, जिससे दावे की प्रक्रिया धीमी हो गई है। हालांकि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने इस समस्या को हल करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती और शनिवार, रविवार और छुट्टी के दिनों में भी काम करने जैसे त्वरित उपाय किए हैं।
इन जिलों में अधिक इलाज कराते हैं लोग
राज्य में आयुष्मान योजना के तहत 85.90 लाख कार्ड धारक हैं और पिछले एक महीने के अंदर 51 हजार 647 नए कार्ड धारक जुड़े हैं। नए लाभार्थियों में ज्यादातर ऐसे लोग होते हैं, जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा होता है और वह ऑपरेशन करवाने की तैयारी कर रहे होते हैं, लेकिन इलाज बंद होने के चलते उनका ऑपरेशन लटक जाएगा। पटियाला, लुधियाना, जालंधर, बठिंडा व अमृतसर में सबसे अधिक लोग योजना के तहत इलाज करवा रहे हैं और सबसे अधिक कार्ड धारक भी इन जिलों में ही हैं। इसके चलते यहां मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
जिला कार्ड धारक
लुधियाना 9,30,111
जालंधर 6,59,083
अमृतसर 6,51,469
पटियाला 5,90,153
योजना के साथ जुड़े कुल निजी अस्पताल : 558