समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय पर बहराइच में भेड़ियों के हमले से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस मौके पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की सरकार से मांग उठाई कि भेड़ियों के हमले से जिन बच्चों की मौत हुई है उनके परिजनों को 10 लाख रुपये दिए जाए।
सपा मुखिया ने कहा कि जंगली जानवरों की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीदड़ की समस्या का केस एसटीएफ को सौंप देना चाहिए। जानवरों के एनकाउंटर की जगह उनके रिहायशी जंगलों को अवैध कटाई से रोकने की जरुरत है। अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई यह है कि जब से भाजपा सरकार आई है तब से बड़े पैमाने पर जंगल काटे जा रहे हैं।
वहीं उन्होंने मठाधीश और माफिया बयान के बाद संतों के विरोध पर कहा कि मुख्यमंत्री के बयान कुछ अलग तरह से आ रहे हैं। समाजवादियों और खासकर मैंने कभी किसी संत, महंत, सन्यासी के बारे में कुछ नहीं कहा। अगर उन्हें लगता है कि यह शब्द ऐसा है कि इसका एक खास तरह से मतलब निकाला जा रहा है, वह एक ‘मठाधीश मुख्यमंत्री’ हैं। मैं यही कहूंगा कि वह हमारे मुख्यमंत्री नहीं हैं, वो हमारे प्रदेश के मठाधीश मुख्यमंत्री हैं। उनसे और क्या किस भाषा की उम्मीद करें, जब से बीजेपी हारी है तब से उनकी भाषा बदल गई है।
एक नेशन, एक इलेक्शन और वन डोनेशन – अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर भी बीजेपी को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि यह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर 18,626 पन्नों की रिपोर्ट थी। जो 191 दिनों में पूरी हुई। यानी एक दिन में लगभग 100 पेज। अब इसी से पता चलता है कि कितनी चर्चा हुई होगी। वास्तव में यह जो रिपोर्ट तैयार हुई है वह भाजपाई रिपोर्ट है। एक नेशन, एक इलेक्शन और वन डोनेशन।