इंडिगो (Indigo) की मुंबई (Mumbai) से दोहा जाने वाली फ्लाइट 6E 1303 तकनीकी खराबी के चलते रद्द हो गई, जिससे सैकड़ों यात्री मुंबई एयरपोर्ट पर फंस गए। यात्रियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें विमान के अंदर पांच घंटे तक बिना किसी जानकारी या सुविधा के इंतजार करना पड़ा। यात्रियों के अनुसार, फ्लाइट को देर रात करीब 2:30 बजे टेक ऑफ करना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइट बार-बार टेक ऑफ की कोशिश में नाकाम रही। अंततः फ्लाइट को रद्द कर दिया गया। यात्रियों का कहना है कि उन्हें भोजन, पानी या कोई अन्य सुविधा नहीं दी गई और एयरलाइन की ओर से कोई उचित जानकारी भी नहीं दी गई।
इंडिगो के एक प्रवक्ता ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइट में देरी हुई और अंततः इसे रद्द करना पड़ा। उन्होंने बताया कि यात्रियों को अगली फ्लाइट के लिए फिर से बुक किया जा रहा है और उनके लिए होटल की व्यवस्था भी की जा रही है। इस घटना से यात्रियों में काफी रोष है। कई यात्रियों (Passengers) ने सोशल मीडिया (Social Media) पर अपनी मुश्किलों को साझा किया है। उनका कहना है कि इस तरह की घटना से उनकी यात्रा बर्बाद हो गई है और उन्हें काफी मानसिक परेशानी हुई है।
इस घटना से एक बार फिर एयरलाइनों की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। यात्रियों को उचित सुविधाएं और जानकारी प्रदान करना एयरलाइनों का दायित्व होता है। लेकिन इस मामले में इंडिगो ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।
भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के अनुसार, यदि किसी फ्लाइट में देरी होती है या उसे रद्द किया जाता है तो एयरलाइन को यात्रियों को उचित मुआवजा देना होता है। इसके अलावा, एयरलाइन को यात्रियों को भोजन, पानी और आवास की सुविधा भी प्रदान करनी होती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में DGCA क्या कार्रवाई करती है। क्या इंडिगो पर कोई जुर्माना लगाया जाएगा? यह भी देखना होगा कि इंडिगो इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।