पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के ग्रुप सी और डी में दिए जाने वाले सामाजिक आर्थिक मानदंड के पांच अंको को संविधान के खिलाफ बताते हुए रद्द कर दिया है. अब हरियाणा सरकार की भर्तियों के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है. HSSC की तरफ से इस मामले में 4 अपीलें दायर की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसबीएन भट्टी ने इस मामले की सुनवाई की है.
सोमवार को होगी सुनवाई
हरियाणा सरकार ने अब सुनवाई क़े लिए वक़्त माँगा है. हरियाणा सरकार ने कहा है कि मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी जाए. दो अन्य याचिकाएं भी शामिल की गई हैं, पर वह आज की सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हो पाई है. जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध करके सोमवार को सुनवाई की तारीख तय की जाए. यानि अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.
अंक रद्द करने क़े पीछे हाईकोर्ट ने दिया यह तर्क
पांच नंबर रद्द करने के पीछे हाईकोर्ट ने कहा था कि यह लाभ देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्र किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया. इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती क़े परिणाम को पूरी तरह से बदल देगा. इन अंकों का लाभ देते हुए सिर्फ पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार गलत है. नियुक्ति में किसी फायदे को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है. अनुच्छेद 15 और 16 व नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं.
6 महीने क़े अंदर भर्ती पूरी करने क़े आदेश
जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के योग्य हों, वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 महीने के अंदर भर्ती पूरी करने का आर्डर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, जो 23000 कर्मचारी सेवा में है वह नए सिरे से आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बने रहेंगे. अगर वे फिर से आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा.
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली थी. एक जैसी भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों को कुल 63 ग्रुप में बांटा था. इनमें ग्रुप सी के 32 हजार पद, टीजीटी के 7471 पद व ग्रुप डी के 13 हजार से ज्यादा पद हैं. ग्रुप सी व ग्रुप डी क़े कुछ पदों पर सरकार भर्ती भी कर चुकी है.