प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेन्द्र मोदी की नई मंत्रिपरिषद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनोहर लाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, बी संजय कुमार और रवनीत सिंह बिट्टू जैसे नए चेहरों को जगह मिल सकती है। रविवार शाम भाजपा के वरिष्ठ नेता मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
सूत्रों ने बताया कि अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमण और मनसुख मांडविया जैसे वरिष्ठ नेताओं की जगह नयी सरकार में पक्की मानी जा रही है। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के प्रतापराव जाधव, भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय, भगीरथ चौधरी और हर्ष मल्होत्रा को भी मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों ने जिन उक्त नेताओं के नाम बताए, इनमें से सभी ने रविवार को चाय पर मोदी से मुलाकात की। साल 2014 से यह एक परंपरा सी बन गई है कि मोदी मंत्रिपरिषद के गठन से पहले नेताओं को चाय पर बुलाते हैं और फिर कमाबेश वही चेहरे मंत्री पद की शपथ लेते हैं। हालांकि, संभावित मंत्रियों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद जितिन प्रसाद और महाराष्ट्र से रक्षा खडसे के भी नयी सरकार का हिस्सा होने की संभावना है। खडसे ने मीडिया से पुष्टि की कि उन्हें सरकार का हिस्सा बनने के लिए फोन आया है।
एक सूत्र ने बताया कि सीतारमण, सर्बानंद सोनोवाल और किरण रिजिजू भी शपथ लेंगे। भाजपा के भीतर ऐसी अटकलें हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को भी सरकार में वापस लाया जा सकता है, जिनका विस्तारित कार्यकाल इस महीने के अंत तक समाप्त हो जाएगा। वह प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के सदस्य थे। वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।
सहयोगी दलों जैसे तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू और चंद्रशेखर पेम्मासानी, जनता दल (यूनाइटेड) के ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी, जनता दल (सेक्यूलर) के एच डी कुमारस्वामी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें उनके ‘प्रोफाइल’ के कारण मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। इसकी मुख्य वजह पंजाब में पैर जमाने की भाजपा को कोशिश हो सकती है। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा वहां अपना खाता भी नहीं खोल सकी है।
तेलंगाना से निर्वाचित संजय कुमार और जी किशन रेड्डी को मोदी के आवास के लिए एक साथ रवाना होते देखा गया और उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है। मंत्रिपरिषद के गठन में भाजपा को लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हुए नुकसान को भी ध्यान में रखना होगा क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा के विपरीत रहा है।