कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर गृह मंत्री कोई बयान क्यों नहीं दे रहे हैं? जबकि वह टेलिविजन में साक्षात्कार जरूर दे रहे हैं। खरगे ने यह भी पूछा कि क्या इस मुद्दे पर सवाल करने वाले सांसदों को सस्पेंड करना न्याय है?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूछा, ‘संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर विपक्षी सांसदों को अवैध तरीके से निलंबित करना कहां का न्याय है? उन्होंने कहा कि विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने दोनों सदनों में अपनी संयुक्त रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए सुबह मुलाकात की थी।’
संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सदन में हंगामा करने पर गुरुवार को सांसदों को निलंबित कर दिया गया। निलंबित किए गए कई सांसदों ने निलंबन के खिलाफ सदन के परिसर में शांति विरोध प्रदर्शन किया।
खरगे ने कहा, ‘गृह मंत्री टीवी पर साक्षात्कार दे सकते हैं, लेकिन वह सदन में हुए इस मुद्दे पर बयान देने के लिए तैयार नहीं हैं।’ उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट जारी करते हुए कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे पर सवाल उठाना हमारा कर्तव्य है।’
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश भी खरगे की बात पर सहमति जताई है। इंडिया गठबंधन पार्टियों के नेताओं ने 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर गृह मंत्री अमित शाह को दोनों सदनों में बयान देने की मांग की है। जयराम रमेश ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे पर गृह मंत्री ने बयान देने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है।
यह घटना बुधवार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर हुई। लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्य काल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे। मालदा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। तभी दो शख्स दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए।
नीले रंग की जैकेट पहना एक शख्स सांसदों की सीट पर कूदने लगा। वह लगभग तीन कतार लांघकर आसन की तरफ जाने लगा। अफरा-तफरी के माहौल के बीच कुछ सांसदों ने हिम्मत दिखाकर उसे घेर लिया। मार्शल भी दौड़कर आ गए। तभी उस युवक ने जूते के अंदर से कुछ पदार्थ निकाला। इसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा। बाद में सांसदों और मार्शलों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही स्थगित कर दी।