पुलिस हिरासत में हुई ईरानी छात्रा की मौत और उसके बाद की घटना को कवर करने वाली दो पत्रकारों की सजा का ऐलान कर दिया गया है. दोनों ईरानी पत्रकारों नीलोफर हमीदी (30) और इलाहेमोहम्मदी (36) को तेहरान की एक कोर्ट ने सात साल जेल की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने इलाहे मोहम्मदी कोअमेरिका के साथ सहयोग करने के लिए 6 साल की सजा सुनाई है, जबकि नीलोफर हमीदी को उसी अपराध के लिए सात साल की सजा दी गई है.
कोर्ट के मुताबिक दोनों को देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए पांच-पांच साल की सजा और देश के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए एक-एक साल की सजा का ऐलान किया गया है.महसा अमीनी की मौत और उसके बाद फैले तनाव को लेकर जो हालात पैदा हुए थे, नीलोफर हमीदी और इलाहेमोहम्मदी ने उसे कवर किया था. जिसके बाद दोनों ही पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद दोनों के खिलाफ केस चल रहा था.
किन-किन मामलों में पाया गया दोषी
कोर्ट की ऑनलाइन बेवसाइट के मुताबिक इलाहे मोहम्मदी और निलोफ़र हमीदी दोनों ही पत्रकारों को अमेरिका के साथ सहयोग करने, राज्य की सुरक्षा के खिलाफ साजिश रचने और इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ प्रचार करने का दोषी पाया गया था.
पुलिस हिरासत में हुई थी महसा अमीनी की मौत
ईरान में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के बाद महसा अमीनी नाम की छात्रा को पुलिस ने हिरासत में लिया था. ये बीते साल 2022 का है. इसके बाद 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में ही महसा अमीनी की मौत हो गई थी. जिसके बाद पूरे ईरान में हिजाब के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुए थे. महसा अमीनी की मौत और उसके बाद फैले तनाव को लेकर नीलोफर हमीदी और इलाहेमोहम्मदी ने कवर किया था. जिसके बाद दोनों ही पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. आज तेहरान की एक कोर्ट ने दोनों की सजा का ऐलान कर दिया है.
2022 में हुई थी दोनों की गिरफ्तारी
बता दें कि हाम मिहान अखबार की रिपोर्टर मोहम्मदी और शार्घ अखबार की फोटोग्राफर हमीदी को सितंबर 2022 से तेहरान की एविन जेल में रखा गया है. मई से इनके खिलाफ केस शुरू किया गया था. पत्रकार लाहे मोहम्मदी को 29 सितंबर को हिरासत में ले लिया गया था. उस दौरान वह कुर्दिस्तान प्रांत में अमिनी के गृहनगर सकेज उसके अंतिम संस्कार की रिपोर्ट को कवर करने के लिए गई थी, जो बाद में एक विरोध में बदल गया.
गौरतलब है कि महसा अमीनी की मौत के बाद हुए देशव्यापी आंदोलन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई थी. इस दौरान हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था और दर्जनों सुरक्षाकर्मियों सहित सैकड़ों लोग मारे गए थे.