केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में डीजल की गाड़ियों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके. नितिन गडकरी का प्रस्ताव है कि डीजल की गाड़ियों पर 10 प्रतिशत अधिक जीएसटी लिया जाए, जिससे कंपनियां डीजल गाड़ियां बनाने को लेकर हतोत्साहित हों. डीजल सबसे अधिक वायु प्रदूषण फैलाने वाला ईंधन है.
सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स) के एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे वह आज ही वित्त मंत्री को सौंपने जा रहे हैं कि सरकार डीजल गाड़ियों या डीजल से चलने वाले हर इंजन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाएं.
डीजल गाड़ियों को करो ‘बाय-बाय’
नितिन गडकरी का कहना है कि ऑटो इंडस्ट्री को इस बारे में खुद से एक्शन लेना चाहिए. डीजल गाड़ियों को ‘बाय-बाय’ कह देना चाहिए. नहीं तो सरकार उन पर इतना टैक्स बढ़ा देगी कि आपके लिए उन्हें बेचना मुश्किल हो जाएगा.
साल 2014 से अब तक देश में डीजल कारों की संख्या गिरी है. नौ साल पहले ये कुल कारों का करीब 33.5 प्रतिशत थीं, जो अब घटकर 28 प्रतिशत रह गई हैं. गडकरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार के इस कदम का मकसद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को डीजल से हटाकर साफ और स्वच्छ ईंधन विकल्प पर तेजी से मोड़ना है.
नितिन गडकरी ने डीजल इंजन से जुड़ी पर्यावरण चिंताओं की भी बात की, उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से प्रदूषण को कम करने और कार्बन उत्सर्जन को नीचे लाने में मदद मिलेगी.