हिमाचल प्रदेश के शिमला में शिव मंदिर पर सोमवार को हुए भूस्खलन में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. यहां से 11 शव निकाले गए हैं, जिनमें से छह लोगों की पहचान हुई है. बाकी 5 शवों की पहचान बाकी है. वहीं, शिमला के ही फागली में हुए लैंडस्लाइड में 5 लोगों की मौत हुई है. एक दिन में कुल 16 लोगों की जान शिमला में गई है. मंगलवार को सुबह रेस्क्यू शुरू हो गया है और 3 शव और मलबे से निकाले गए हैं. स्थानीय विधायक हरीश जनारथा ने इसकी पुष्टी की है.
जानकारी के अनुसार, शिमला के शिव मंदिर में सोमवार सुबह करीब सात बजे लैंडस्लाइड हुआ. यहां पर बड़े बड़े देवदार के पेड़ औऱ मलबा मंदिर पर गिर गया. बाद में यहां पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया. घटना के सात घंटे बाद यहां पर जेसीबी पहुंची. शुरुआत में मैनुअली तलाशी अभियान चलाया गया. मलबे से डेढ़ साल की बच्ची का शव भी मिला है. वहीं, दो बेटियों के शव भी बरामद हुए हैं. घटना के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यपाल, विधायक हरिश जनारथा, मंत्री विक्रमादित्य सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
घटना में जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी पहचान संजीव ठाकुर (48), पुत्र मोहन सिंह, गांव गांहन, शिमला, किरन (55) पत्नी प्रदीप कुमार, गांव शानो, नजदीक टीचर कॉलोनी, शिमला, अमित (48) पुत्र जयंत ठाकुर, गांव बगोग, समरहिल, शिमला, अमन शर्मा (34) पुत्र पवन कुमार, समरहिल, संतोष शर्मा (58), समरहिल, सायसा (2) पुत्री अमन शर्मा, समरहिल की भी मौत हुई है. पिता-बेटी अमन और सायसा मंदिर में सुबह सुबह पूजा के लिए पहुंचे थे. इसी तरह फागली में हुए लैंडस्लाइड में मिले शवों में से केवल एक शख्स की ही पहचान हो सकी है. इसमें महिला सुनीता की मौत हुई है, जो फागली की रहने वाली हैं.
तलाशी अभियान आज होगा शुरू
शिव मंदिर में शाम को सात बजे के करीब सर्च अभियान रोकना पड़ा. यहां पर अब मंगलवार सुबह तलाश शुरू हो गई है. अब भी माना जा रह है कि अंदर लोग दबे हुए हैं. लेकिन कितने लोग हैं, इस बारे में कुछ जानकारी नहीं मिल पाई है.
फागली में शेड्स पर गिरा मलबा
शिमला के ओल्ड बस स्टैंड से नीचे नाभा के फागली में भी सोमवार को लैंडस्लाइड हुआ. यहां मबले में दबने से 5 लोगों की मौत हुई है. चार लोगों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है. भूस्खलन से 4 कच्चे मकान दबे और पेड़ भी यहां गिरे थे. फागली में कुल 13 लोग मलबे के नीचे दबे थे, जिनमें से 8 को बचा लिया गया. SSB और पुलिस जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू में अहम भूमिका निभाई. इस दौरान मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने आए लोग भी आए भूस्खलन की चपेट में आ गए थे.