ओडिशा के बालासोर जिले में (In Balasore district of Odisha) ट्रेन दुर्घटना में मारे गए (Killed in Train Accident) यात्रियों के 100 से अधिक शवों को (Over 100 Bodies of Passengers) रविवार सुबह एम्स भुवनेश्वर लाया गया (Brought to AIIMS Bhubaneswar) । करीब 55 शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद (About 55 Dead Bodies after Postmortem) परिजनों को सौंप दिया गया (Handed Over to Relatives) । एक अधिकारी ने कहा कि शवों को बालसोर से 50 एंबुलेंस में लाया गया और एम्स की मर्चुरी में रखा गया।
ओडिशा सरकार ने लगभग 160 शवों को भुवनेश्वर लाने का फैसला किया है जिन्हें विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों की मर्चुरी में रखा जाएगा। हादसे की वजह से भद्रक और बालासोर का रेलमार्ग से संपर्क टूट गया है। मुख्य सचिव पी.के. जेना ने कहा कि परिवार के सदस्य प्रियजनों के शवों को खोजने के लिए आसानी से भुवनेश्वर जा सकते हैं, इसलिए उन्हें भुवनेश्वर में रखा गया है। जेना ने कहा, अज्ञात शवों को 42 घंटे तक सुरक्षित रखा जाएगा। अगर कोई शवों पर दावा नहीं करेगा, तो हम चिकित्सा प्रक्रियाओं के अनुसार उनका निपटान कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब 55 शवों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बाहानगा ट्रेन त्रासदी में मरने वालों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से यह मदद दी जाएगी। उन्होंने हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए एक-एक लाख रुपये की सहायता की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के शुक्रवार शाम ओडिशा के बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास एक बड़े हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक लोग घायल हो गए। ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में कुल 1,175 मरीजों को भर्ती कराया गया है, जिनमें से 793 को छुट्टी दे दी गई है। सूत्रों ने बताया कि कम से कम 382 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से केवल दो यात्रियों की हालत गंभीर है।