रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन (Ukraine) में मैदान छोड़कर भागने वाले रूसी सैनिकों (soldiers) को गोली मारने का आदेश दिया है। पुतिन के खास वफादार सैन्य अधिकारियों के नेतृत्व में रूस की कई ब्लॉकिंग यूनिट (blocking unit) यूक्रेन पहुंच चुकी हैं। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय (British Defense Ministry) ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर यह दावा किया है। ब्रिटेन का कहना है कि इन यूनिट का काम उन रूसी सैनिकों को ढूंढ़कर गोली मारना है, जो यूक्रेन के सामने हाथियार डालकर भाग रहे हैं। 1942 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रूसी राष्ट्रपति स्टालिन ने इसी तरह से बैरियर यूनिट तैनात कर रूसी सैनिकों को एक भी कदम पीछे हटने से रोका था।
दूसरी तरफ रूस ने दावा किया है कि अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया व सैन्य एजंसियों ने यूक्रेन सिक्योरिटी सर्विस के साथ मिलकर खूंखार आतंकी दस्ते तैयार किए हैं। इन आतंकियों का काम क्रीमिया सहित रूस में हाल ही में विलय किए गए इलाकों में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना और आतंक फैलाना है। इसके अलावा नॉर्ड स्ट्रीम हमला, काला सागर में अनाज के जहाजों पर हमला भी इन्हीं आतंकियों का काम है।
यूक्रेन की मदद जारी रखेगा जी-7
जर्मनी में यूक्रेन की मदद को लेकर हुए जी-7 देशों विदेश मंत्रियों की बैठक में शुक्रवार को जहां अमेरिका ने 40 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता का एलान किया, वहीं जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और इटली ने यूक्रेन को अपनी रक्षा करने के लिए और अधिक मदद देने का वादा किया।
इसके अलावा अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के अधीन यूक्रेन की मदद के लिए सिक्योरिटी असिस्टेंस ग्रुप-यूक्रेन (सैग-यू) तैयार किया गया है। इसके जरिये जी-7 की तरफ से यूक्रेन को दी जाने वाली मदद जर्मनी स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे से एकीकृत तरीके से संचालित की जाएगी।
ईरान ने माना रूस को भेजे ड्रोन
ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्ला ने कहा कि पश्चिमी देश आरोप लगा रहे हैं कि ईरान ने यूक्रेन युद्ध में मदद के लिए रूस को ड्रोन और मिसाइलों की आपूर्ति की है। ईरान साफ कर देना चाहता है कि ड्रोन रूस को युद्ध शुरू होने से पहले भेजे गए थे। इसके अलावा मिसाइलें भेजने के आरोप निराधार हैं।