थाईलैंड में एक चाइल्ड केयर सेंटर में बीते हफ्ते हुए नरसंहार में बच्चों सहित कई लोगों की मौत हो गई. एक हमलावर ने न सिर्फ मासूम बच्चों की जान ले ली, बल्कि अपनी पत्नी और बच्चों का भी कत्ल कर उन्हें भी मौत के घाट उतार डाला. इस घटना में कई मांओं की कोख उजड़ गई. कई पिताओं के अपने बच्चों को लेकर बनाए गए अरमान जल गए. हमलावर को केयर सेंटर में जो कोई भी दिखता गया, वो सब पर ताबड़तोड़ हमले करता गया. हालांकि एक बच्ची हमलावर की नजरों से सिर्फ इसलिए बच निकली, क्योंकि वो रूम में कंबल ओढ़ कर सो रही थी. बच्ची जिस रूम में सो रही थी, उसी रूम में कई और बच्चे भी सो रहे थे, जिन्हें हमलावर ने एक-एक कर मार डाला.
हमलावर ने पहले तो ताबड़तोड़ गोलिया बरसाईं. इसके बाद उसने चाकू से भी नरसंहार किया. बताया जा रहा है कि वह अकेली ऐसी बच्ची रही, जो हमलावर की नजरों से बच निकली. इस घटना में 36 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें 24 बच्चे शामिल हैं. इस नृशंस घटना को अंजाम देने वाला हमलावार एक पूर्व पुलिसकर्मी था, जिसे इस साल की शुरुआत में नशीले पदार्थ के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया था. केयर सेंटर में बच्चों का नरसंहार करने के बाद उसने अपनी पत्नी और बच्चों को भी मार डाला और खुद भी आत्महत्या कर ली. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि आखिर इस नृशंस घटना को उसने अंजाम क्यों दिया और क्यों उसने केयर सेंटर के बच्चों को निशाना बनाया.
‘मैं अभी भी सदमे में हूं’
इस घटना में अकेली बची बच्ची का नाम पवनुत सुपोलवॉन्ग बताया जा रहा है. उसके माता-पिता पवनुत को प्यार से ‘एमी’ बुलाते हैं. एमी के माता-पिता ने बताया कि हत्यारा जब नर्सरी में घुस गया और बच्चों की हत्या करने लगा, तब एमी कंबल में छिपकर लेटी थी. इसी वजह से हमलावर की उसपर नजर नहीं पड़ी और वह बच गई. उन्होंने बताया कि नर्सरी में एमी अकेली ऐसी बच्ची थी, जिसकी जान बाल-बाल बच गई. एमी की मां पनोमपई सिथोंग ने कहा, ‘मैं अभी भी सदमे में हूं. मुझे इस घटना में जान गंवाने वाले बाकी बच्चों के माता-पिता के लिए काफी बुरा लग रहा है. मैं उनके लिए दुखी हूं. लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी बच्ची बच गई. मुझे इस समय दुख और खुशी की मिक्स फिलिंग है.’