महाराष्ट्र (Maharashtra) की एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Govt) ने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों (government officials and employees) के लिए नया अध्यादेश (new ordinance) जारी किया। नए नियम के मुताबिक, सरकारी कर्मियों को फोन पर अब ‘हैलो’ के बजाय ‘वंदेमातरम’ बोलना होगा। शिंदे सरकार का यह अध्यादेश (GR) आज 2 अक्टूबर से लागू किया गया है। प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक अध्यादेश में कहा गया है कि महात्मा गांधी जयंती (Mahatma Gandhi Jayanti) और अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के तहत यह बदलाव दो अक्टूबर से लागू किया जाएगा।
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने अगस्त माह में सरकारी कर्मियों को वंदेमातरम कहने का आदेश दिया था। यह भी कहा था कि जल्द ही इसे अध्यादेश के रूप में लाया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज वर्धा में करेंगे। यह सर्कुलर सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्थानीय नागरिक निकायों, सहायता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों पर लागू होने जा रहा है। सर्कुलर में कहा गया है कि ‘हैलो’ एक अर्थहीन शब्द है। अगर वंदे मातरम की शुरुआत के साथ फोन पर बातचीत शुरू की जाए तो यह एक अनुकूल माहौल बनाने और सकारात्मक ऊर्जा देने में मदद करेगा।
वन विभाग पहले ही दे चुका है आदेश
संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा इस संबंध में आदेश दिए जाने के कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र वन विभाग ने अपने कर्मचारियों को वंदे मातरम कहकर सरकारी कार्यों से संबंधित कॉल का जवाब देने का आदेश दिया था। वन विभाग की ओर से बाकायदा जीआर जारी किया गया था। वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया गया है कि वे सरकारी काम से जुड़े आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के फोन कॉल का जवाब देते हुए हैलो के बजाय वंदे मातरम कहें। वहीं अब राज्य सरकार ने सभी सरकारी अधिकारियों को हैलो की जगह ‘वंदे मातरम’ कहने के लिए जीआर जारी किया है।
क्या बोले थे शिंदे के मंत्री
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने स्वतंत्रता दिवस से पहले ही इस संबंध में टिप्पणी की थी। कहा था, हम स्वतंत्रता के 76 वें वर्ष में अपनी शुरुआत कर रहे हैं। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इसलिए मैं चाहता हूं कि अधिकारी नमस्ते या हैलो के बजाय फोन पर वंदे मातरम कहें। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में एक औपचारिक सरकारी आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा। मैं चाहता हूं कि राज्य के सभी सरकारी अधिकारी अगले साल 26 जनवरी तक फोन पर वंदे मातरम कहें।