सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे आज लद्दाख पहुंच रहे हैं। वहां वे चीन के सीमावर्ती गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके से जारी सेना की वापसी प्रक्रिया का जायजा लेंगे। भारत और चीन हाल ही में इस इलाके से सेना की वापसी के रजामंद हुए हैं।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि 17 जुलाई को दोनों देशों के बीच हुई 16 वें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता में सहमति के बाद शुक्रवार से गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) से दोनों पक्षों की सैन्य टुकड़ियों की वापसी शुरू हो गई है। इसके बारे में विस्तृत बयान जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि उक्त स्थान से भारतीय सेना अपनी टुकड़ी को करम सिंह हिल की ओर पीछे ले जा सकती है, जबकि चीनी सेना उत्तर की ओर चीनी इलाके में वापसी कर सकती है।
दोनों पड़ोसी देशों के बीच मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में उस वक्त तनाव पैदा हुआ था, जब चीन ने मनमाने ढंग से इलाके में अपनी सेना तैनात कर दी थी। भारत चीन की सेना पेट्रोलिंग पाइंट 15 में आमने-सामने आ गई थी।
12 सितंबर तक हो जाएगी वापसी
शुक्रवार को चीन व भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीपी-15 से सेना की वापसी की पुष्टि की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा था कि गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स पर 8 सितंबर से ही दोनों सेनाओं की ओर से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि 12 सितंबर तक दोनों सेनाएं इस जगह को खाली कर देंगी। दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी है कि पूरे क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाया जाएगा और वापस अपने क्षेत्र में बुलाया जाएगा।
चीनी सेना ने कहा है कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पीपी-15 से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह सुनियोजित व समन्वित ढंग से होगी। जुलाई में हुई चीन-भारत के कोर कमांडर स्तर की 16 वें दौर की वार्ता में बनी आम सहमति के अनुसार 8 सितंबर से जियान डाबन के क्षेत्र में चीनी और भारतीय सैनिकों ने समन्वित और नियोजित तरीके से वापसी शुरू कर दी है। चीनी रक्षा मंत्रालय की ओर से बीजिंग में जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही गई है। इसमें सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।
एससीओ की बैठक में मिलेंगे मोदी-जिनपिंग?
उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वार्षिक शिखर बैठक होने जा रही है। इस सम्मेलन से करीब एक सप्ताह पहले यह घोषणा की गई। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने की उम्मीद है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं की यहां मुलाकात हो सकती है। हालांकिए दोनों ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।