सऊदी अरब की एक महिला (Women ) को हाल ही में किंग सलमान (king salman) और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Crown Prince Mohammed bin Salman) के खिलाफ लिखना भारी पड़ा. महिला ने “धर्म और न्याय को चुनौती देने के लिए” ट्विटर पर इन दोनों के खिलाफ लिखा था, जिसके बाद उक्त महिला को 45 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. पश्चिम के देशों ने इस सजा की निंदा की है. वहीं इस सजा ने खाड़ी देशों में मानवाधिकारों की वास्तविक स्थिति को भी उजागर किया है.
पांच बच्चों की मां नौरा अल-क़हतानी को पिछले हफ्ते 45 साल जेल की सजा सुनाई गई है. सऊदी अधिकारियों ने नौरा के ट्वीट को दुर्भावनापूर्ण वाला बताया था. अदालत ने महिला को सजा देते हुए कहा कि महिला के झूठे और दुर्भावनापूर्ण ट्वीट (malicious tweet) ने उन लोगों की गतिविधियों को उकसाया जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना और समाज की सुरक्षा और राज्य की स्थिरता को अस्थिर करना चाहते हैं.” आगे अदालत ने कहा, “कहतानी ने राज्य के प्रतीकों और अधिकारियों का अपमान करने के लिए ट्विटर का इस्तेमाल किया और सुरक्षा मामलों में बंदियों की रिहाई की मांग की, जो गलत है.”
जुलाई 2021 में किया था आखिरी पोस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला समय-समय पर सऊदी अरब सरकार (saudi arabia government) की आलोचना करती रहती है. उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कथित तौर पर उन पोस्ट को रीट्वीट किया गया है जिनमें सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करने के प्रयासों की चेतावनी दी गई है, जिन्हें सऊदी अरब में बर्दाश्त नहीं किया जाता है. उसके अकाउंट से आखिरी बार जुलाई 2021 में एक पोस्ट किया गया था, उसी महीने कहतानी को हिरासत में लिया गया था. फरवरी 2022 में अदालत ने कहतानी को पहले साढ़े छह साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसी समय के लिए यात्रा प्रतिबंध लगा दिया गया था. अभियोजन पक्ष द्वारा कठोर सजा की अपील करने के बाद अदालत ने 45 साल की सजा सुनाई.