नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त प्रदेश हो गया है। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर सराहना की और ट्वीटर पर योगीराजरामराज्य दिन भर टॉप ट्रेंड में बना रहा। यूपी में हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी कमी आई है। अन्य राज्यों की तुलना में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं करीब-करीब खत्म हो गई हैं।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी में वर्ष 2021 में सांप्रदायिक हिंसा की सिर्फ एक घटना हुई, जबकि अन्य राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा का ग्राफ कहीं ज्यादा ऊपर रहा। सांप्रदायिक हिंसा की झारखंड में 77, बिहार में 51, हरियाणा में 40 घटनाएं सामने आईं। देश में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित रहा। वहां 378 केस मामले दर्ज हुए।
वर्ष 2021 में देश में आईपीसी के कुल 36 लाख 63 हजार 360 मामले दर्ज हुए। यूपी में आईपीसी के 3.57 लाख केस दर्ज हुए, जो एक लाख की जनसंख्या पर 154.5 फीसदी है और देश में यूपी 23वें स्थान पर है। प्रदेश में एसिड अटैक की कुल 22 घटनाएं हुईं और अपहरण की 50 घटनाएं हुईं। इन दोनों अपराधों में राज्य 36वें स्थान पर है।
हत्या के मामले लगातार कम हुए एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि लगातार कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर की जा रही कड़ी कार्रवाई का नतीजा है कि राज्य में हत्या के मामलों में लगातार कमी आ रही है। हत्या के राज्य में कुल 3717 अपराध घटित हुए, जिसका क्राइम रेट 1.6 रहा और राज्य 24वें स्थान पर रहा। पुलिस की लगातार गश्त बढ़ने और पीआरवी की सक्रियता के चलते चोरी की घटनाएं बहुत कम हुईं और राज्य 33वें स्थान पर रहा।
वहीं डकैती का रेट .1 फीसदी रहा और प्रदेश 29वें स्थान पर रहा। जबकि लूट की घटनाओं में 25वें स्थान पर है। यही नहीं राज्य पुलिस ने विभिन्न मुकदमों में माफिया और गैंगस्टरों पर कार्रवाई करते हुए 129.4 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की।