बिहार में इस वक्त आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का विपक्षी चेहरा कौन होगा, इस पर विमर्श जारी है। जिसमें कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर अटकलें लगाई जा रही हैं। वहीं, इस बीच महागठबंधन के साथी कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ही उनके लिए पीएम पद के उम्मीवार होंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (भाजपा नीत एनडीए) से अलग होने के बाद कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई है, जिसमें कि राज्य सरकार को वाम दलों का भी समर्थन हासिल है। राज्य में यहां कांग्रेस ने कहा, ‘हम मानते हैं कि जब तक वह (राहुल गांधी) किसी को आगे नहीं कर देते, वह ही उम्मीदवार रहेंगे। दलों के नेता और कार्यकर्ता आशावादी दावे करते हैं और कुछ लोग तो अपने नेताओं के पक्ष में नारे भी लगाते हैं लेकिन… नीतीश कुमार ने कभी भी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की इच्छा जाहिर नहीं की।’
दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड के नेता उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि भले ही उन्होंने कभी इन महत्वकांक्षाओं को लेकर बात नहीं हो, लेकिन कुमार में पीएम बनने की सारी योग्यताएं हैं। हालांकि, राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कुमार की पीएम पद के लिए उम्मीदवारी पर कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को सीएम पर ही छोड़ दिया है।
बतादें कि हाल ही में बिहार में कैबिनेट विस्तार हुआ है। राज्य में 33 मंत्रियों ने शपथ ली। अब आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 72 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। वहीं, इनमें से 17 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर केस दर्ज हैं। दलों के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा राजद में 88 फीसदी, जदयू में 63.63 फीसदी, कांग्रेस के 50 फीसदी मंत्री आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।