महाराष्ट्र (maharashtra) में सरकार (government) गंवाने के बाद महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) में शामिल कांग्रेस (Congress) ने भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। खबर है कि कांग्रेस का मानना है कि अगर ठाकरे चतुराई से फैसले लेते तो सरकार बच सकती थी। सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में शिंदे सरकार ने 164 मतों के साथ विश्वास मत जीता था। इसी के साथ ही करीब एक पखवाड़े चले सियासी ड्रामा का अंत हो गया था। राज्य में विधान परिषद के चुनाव के नतीजे आने के बाद ही शिंदे ने कुछ विधायकों के साथ शिवसेना में बगावत कर दी थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे को पद छोड़ने की सलाह दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, ‘एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने उद्धव को मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देने और एकनाथ शिंदे को अगला मुख्यमंत्री घोषित करने की सलाह दी थी। सुझाव इसलिए दिया गया था, क्योंकि शुरुआत में चर्चा थी कि विद्रोह शांत हो जाएगा। लेकिन हर एक गुजरते दिन के साथ और ज्यादा मंत्री और विधायक शिंदे कैंप में शामिल होते गए।’
देवेंद्र फडणवीस ने भी दिया बड़ा बयान
मंगलवार को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी कहा कि उन्होंने भाजपा नेतृत्व के सामने शिंदे को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि वह डिप्टी सीएम का पद संभालने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दखल के बाद फैसला बदल लिया।
खास बात है कि पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि फडणवीस ही सीएम बन सकते हैं, लेकिन उन्होंने शिंदे के नाम का ऐलान कर दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह सरकार से बाहर रहेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्य हैं, लेकिन एक शिवसेना विधायक के निधन के बाद संख्या घटकर 287 पर हो गई है। विश्वास मत जीतने के लिए 144 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में शिंदे सरकार के पक्ष में 164 वोट डाले गए। जबकि, विपक्ष 99 मतों पर सिमट गया।