सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री (Delhi Cabinet Minister) सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री (Maharashtra Cabinet Minister) नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामलों (Money Laundering Cases) की जांच को लेकर उन्हें ‘बर्खास्त’ करने का निर्देश देने (To Order Dismissal) की मांग की गई है (Seeks) ।
याचिका में, भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी उपाध्याय ने अदालत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि किसी भी मंत्री को दो दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उसके पद से अस्थायी रूप से वंचित कर देना चाहिए। मंत्री न केवल लोकसेवक होते हैं, बल्कि संविधान की शपथ लेते हैं। अन्य लोकसेवकों आईएएस, आईपीएस, जजों के साथ भी ऐसा ही होता है।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में महाराष्ट्र सरकार को अपने कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को बर्खास्त करने का निर्देश देने की मांग की है, जिन्हें 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम से जुड़े काले धन, बेनामी संपत्तियों, मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में न्यायिक हिरासत में हैं।
याचिका में दिल्ली सरकार से कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को बर्खास्त करने की भी मांग की गई। जैन 1 मई को गिरफ्तार किया गया था और काले धन, बेनामी संपत्तियों, मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। याचिका के अनुसार, अदालत को राजनीति के अपराधीकरण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।