बलिदानी प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर बाद उनके पैतृक गांव पुंडोली पहुंच गया। इस दौरान पूरा गांव प्रवीण सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा। वहीं स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इस दौरान अपने बलिदानी पिता की तस्वीर पकड़े छह साल के वंश को देख हर किसी का दिल पसीज गया।
जम्मू से वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट पर बलिदानी प्रवीण सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया गया। पा
ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा
बलिदानी प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर को उनके टिहरी स्थित पैतृक गांव लाया गया है। गांव में बलिदानी को अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा है। गांव से नजदीक मल्गढ़ में बलिदानी की अंतिम यात्रा के लिए गांव के लोग अपने वाहनों पर शहीद की फोटो और तिरंगा लगाकर पहुंचे हैं।
देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया
विदित हो कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां में बीते गुरुवार को एक बम धमाके में टिहरी गढ़वाल के भिलंगाना ब्लाक के पांडोली गांव हाल निवासी लक्ष्य एनक्लेव बंजारावाला देहरादून निवासी प्रवीण सिंह एक बम धमाके में घायल हो गए थे। जहां उपचार के दौरान उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया। बलिदानी प्रवीण वर्ष 2011 में सेना में भर्ती हुए थे और 15वीं गढ़वाल राइफल में कश्मीर में तैनात थे। प्रवीण का विवाह वर्ष 2014 में अमिता से हुआ था। वह अपने पीछे छह वर्षीय पुत्र वंश को भी छोड़ गए है। 27 मई को ही वह अपनी छुट्टियां बिताकर दोबारा ड्यूटी पर गए थे।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दी श्रद्धांजलि
शुक्रवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उत्तराखंड के सपूत को श्रद्धाजंलि देते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार बलिदानी प्रवीण सिंह के परिवार के साथ खड़ी है। सरकार की ओर से बलिदानी के लिए जो अनुमन्य राशि निर्धारित की गई है। वह परिवार को जल्द पहुंचाई जाएगी। साथ ही बलिदानी के गांव में किसी विद्यालय या मार्ग का नाम बलिदानी प्रवीण सिंह के नाम पर रखा जाएगा।
घनसाली के विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा की प्रवीण के बलिदान होने की सूचना पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। इस दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ खड़े हैं। एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने के लिए बलिदानी प्रवीण के ससुर प्रेम सिंह नेगी, सास सरोजनी देवी, रवि नेगी, शिवानी नेगी, आदि स्वजन के साथ पूर्व प्रधान नरेंद्र नेगी, सहित कई पूर्व सैनिक भी मौजूद रहे।