पाकिस्तान (Pakistan) स्टिकी बम (Sticky Bomb) के जरिये जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बड़े आतंकी हमलों (major terrorist attacks) को अंजाम देने की साजिश रच रहा है। इसके लिए वह अब पूरी तरह से तैयार स्टिकी बम इस पार भेज रहा है। इसका खुलासा कठुआ में मिले स्टिकी बम की जांच से हुआ है। आरडीएक्स से लैस इन बमों को पहली बार स्टील कवर में तैयार किया गया है। सिर्फ चुंबक (मैगनेट) लगाने के लिए तीन इंच की जगह छोड़ी गई है। ये बम सुरक्षाबलों अथवा नागरिक वाहनों में लगाए जाने के दस मिनट के अंदर वाहनों के चीथड़े उड़ा सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि इन स्टिकी बमों से किसी एक दो जगह नहीं, बल्कि शृंखलाबद्ध धमाकों की साजिश थी।
जानकारी के अनुसार कठुआ में मिले बम को स्टील के कवर में फिट किया गया था। इसमें सिर्फ दो ही तार हैं, जिनको आपस में जोड़ने के ठीक दस मिनट के अंदर ही धमाका हो जाता है। इन बम में आरडीएक्स भरा गया था, ताकि धमाके के बाद व्यापक स्तर पर तबाही मचाई जा सके। ऐसे में साफ है कि दो तारों को जोड़कर और इसमें मैगनेट फिट कर किसी भी वाहन में चिपका दिया जाए। इन बमों में 10 मिनट का टाइमर सेट था, जो दो तारों को आपस में जुड़ते ही शुरू हो जाना था। सूत्रों का कहना है कि राजबाग के पास मिले इन बमों का इस्तेमाल जल्द ही जम्मू शहर या फिर इसके आसपास के इलाकों में किया जाना था।
एक साल पहले ही मिला स्टिकी बम
बता दें कि एक साल पहले ही पाकिस्तान से स्टिकी बम भेजने का चलन शुरू किया गया है। सांबा में ऐसे 14 छोटे बम आईईडी के रूप में भेजे गए थे। इसके बाद से लगातार इस तरह के बम सीमा पार से मिल रहे हैं। जम्मू के सिद्धड़ा के पास तो हाईवे पर दो स्टिकी आईईडी भी कुछ दिन पहले बरामद की गई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन स्टिकी आईईडी का इस्तेमाल हाइवे पर सुरक्षाबलों के वाहनों को उड़ाने में किया जाना था।