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94 बार चुनाव हार चुका है यह शख्स, इस बार UP की दो सीट से लड़ने जा रहा विधायकी

आपने बहुत सारे ऐसे नेताओं के बारे में सुना होगा, जो चुनाव जीतकर दर्जनों बार विधायक और सांसद बने हैं. कुछ नेताओं ने चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे नेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चुनाव हारने का रिकॉर्ड बना रहे हैं. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये नेताजी अब तक 94 बार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन फिर भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

हसनूराम अंबेडकरी नाम के ये नेता जी इस बार यूपी की दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. फिलहाल इन्होंने अपने जीवन में जितने भी चुनाव लड़े हैं, एक में भी इन्हें जीत नसीब नहीं हुई है. हसनूराम इस समय नर्वस नाइंटीज पर बैटिंग कर रहे हैं और अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह जल्द ही चुनाव हारने का शतक बना सकते हैं.

उपहास से पनपा चुनाव लड़ने का जुनून
हसनूराम अंबेडकरी आगरा के खेरागढ़ कस्बे के नगला दूल्हा गांव के रहने वाली हैं. उन्होंने अब तक 94 बार चुनाव लड़ा है. साल 1985 से 2022 तक इन्होंने हर छोटे-बड़े चुनाव में हिस्सा लिया है. हालांकि आज तक इन्हें किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया और यह हर बार निर्दलीय ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं. शुक्रवार से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है. इसी दिन 75 साल के हसनूराम आगरा कलेक्ट्रेट में नामांकन फॉर्म लेने पहुंचे थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 1985 में हसनूराम एक पार्टी से टिकट मांगने पहुंचे थे, जहां पर उनका उपहास करके यह बात कही गई थी कि उन्हें एक भी वोट नहीं मिलेगा. यह बात उनके मन को घर कर गई. इसके बाद हसनूराम ने चुनाव लड़ने को अपना जुनून बना लिया. इस बार के विधानसभा चुनाव में हसनूराम ने दो सीटों से पर्चा भरा है. उनकी चाहत है कि वह अपने जीवन में 100 चुनाव लड़ें.

काका जोगिंदर सिंह के नाम दर्ज है रिकॉर्ड
बता दें कि बरेली के काका जोगिंदर सिंह ने भारतीय चुनाव के इतिहास में छोटे-बड़े 300 चुनाव लड़े थे. वह सभी में हारने के लिए ही मैदान में उतरते थे. उन्होंने वार्ड पार्षद से लेकर देश के राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ा था. उनको ‘धरती पकड़’ की उपाधि मिली हुई थी.