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59 साल बाद इस राशि में होगा 6 ग्रहों का मिलन, जानिए देश और दुनिया पर क्या पड़ेगा असर

59 साल के बाद एक बार फिर इस फरवरी माह में ग्रहों का विचित्र संयोग आने वाला है। 9 फरवरी की रात जब चंद्रमा का प्रवेश मकर राशि में होगा तो एक महासंयोग बनने वाला है, जो रेयर केस में देखने को मिलता है। इसके लिए मेदिनी ज्योतिष में बताया गया है कि जब एक राशि में 5 या उससे अधिक ग्रह आकर मिलते, तब देश-दुनिया में कई बदलाव आते हैं। ये बदलाव काफी दिन तक चलेंगे।  सूर्य, गुरु, शनि, चन्द्रमा, बुध तथा शुक्र आदि ग्रह जब एक राशि में आते है तो बड़े जनांदोलन जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस बात का वर्णन मेदनीय ज्योतिष की पुस्तकों में मिलता है।

7 ग्रहों ने मकर में साल 1962 में किया था प्रवेश

इससे पहले साल 1962 में फरवरी महीने में ही मकर राशि में 7 ग्रहों का मिलन हुआ था। इस मिलन के कारण दो महाशक्तियों अमेरिका और तत्कालीन सोवियत रूस ‘क्यूबा मिसाइल’ संकट में पड़ गए थे औऱ लड़ाई के ड़र से वैश्विक  राजनीति दो भाग में विभाजित हो गई थी। इसके कारण 10 साल तक ‘शीत-युद्ध’ की स्थिति बनी रही। फिर बाद में वर्ष 1979 के सितंबर महीने में सिंह राशि में 5 ग्रहों के संयोग से ईरान में इस्लामिक क्रांति से मुस्लिम जगत तबाही मचा दी, जिसके बाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में इस्लामिक आतंकवाद का विस्तार होने लगा । अभी वर्ष 2019 में 26 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य ग्रहण के समय 5 ग्रहों के योग ने कोरोना वायरस महामारी और आर्थिक मंदी ने जो तबाही मचा दी है, उससे संपूर्ण विश्व बड़े संकट से गुज़र रहा है। अब 09 फरवरी को रात 08:30 से 12 फरवरी को प्रात: 02:10 तक मकर राशि में बन रही 6 ग्रहों की मिलने से एक बार फिर से देश-दुनिया में बड़े बदलावों की ओर इशारा कर सकती है।

इन देशो में पर संकट के आसार

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से 6 ग्रहों के मकर राशि से संयोग होने के कारण हमारे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान को किसी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान की चंद्र राशि मिथुन है, जिससे विनाश के अष्टम भाव में बन रही यह महामिलन किसी बड़े भूकंप से देश को नुकसान पहुंचा सकती है। चीन की जन्म राशि मकर में शनि-गुरु सहित अन्य ग्रहों का गोचर वहां आर्थिक संकट से दिक्कते ला देगा। इसके कारण चीन के शेयर बाजारों में कमी दुनिया भर के पैसोवालों को दिक्कत देगी। इसके अलावा भारत के शेयर बाजार में भी कुछ हलचल मच सकती है।

इन आपदाओं की है आशंका

मेदिनी ज्योतिष में मकर राशि को जल राशि तथा पृथ्वी तत्व से इफेक्टेड माना जाता है। मकर राशि में शनि-गुरु के मिलन से तथा उससे केंद्र में मेष राशि में भूमि पुत्र मंगल की स्थिति भूकंप आने की स्थिति पैदा करती है। सूर्य और चंद्रमा 12 फरवरी की अमावस्या के दिन पृथ्वी तत्व की राशि और पृथ्वी तत्व के नव अंश में होकर भूकंप का योग बना रहे हैं। इस योग के प्रभाव से 15 दिनों के भीतर पाकिस्तान और उत्तर भारत में भूकंप के झटके अनुभव किए जा सकते हैं। 12 फरवरी की अमावस्या के बाद असामान्य वर्षा और ओलावृष्टि का योग भी बन रहा है। उत्तर भारत में ओलावृष्टि से कुछ स्थानों पर फसलों बर्बाद हो सकती है और  पहाड़ी इलाके में बर्फ गिरने से सर्दी और ज्यादा दिनों के लिए रुक सकती गै। इसके अलावा 13 अप्रैल से नए संवत 2078 की शुरुआत होने जा रही है। इसमें राजा मंत्री दोनों ही मंगल हैं। इससे संचार के क्षेत्र में विकास होगा। सॉफ्टवेयर, सूचना एवं प्रौद्यागिकी क्षेत्र, रोड ट्रांसपोर्ट में, विज्ञान के क्षेत्र में अप्रत्याशित तथा अभूतपूर्व अच्छे परिवर्तन व उन्नति होगी। अप्रैल 6, 2021 के बाद जब गुरु और शनि अलग होंगे, तब कहीं जाकर वर्तमान आंदोलन में कुछ सुधार आएगा।

मोदी को भी होंगी मुश्किलें

प्रधानमंत्री मोदी जी की कुंडली के तृतीय, पराक्रम भाव में मकर राशि हैं, जिसके कारण वो अपनी राजनीति से वर्तमान दिक्कतों पर कंट्रोल कर पाने में सक्सेस प्राप्त करेंगे। कोरोना वैक्सीन के कारण भी भारत की साख विश्व में बढ़ेगी। ज्यादातर देशों में भारत के योग का प्रसार होगा। भारतीय मूल के नागरिक अन्य देशों में सरकारी पदों पर विराजमान होंगे।