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5000 झुग्गियों को गिराने जा रही थी गुजरात सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगायी अंतरिम रोक

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 5000 झुग्गियों को गिराने के मामले पर अंतरिम रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने झुग्गियों को गिराने पर रोक लगाने के साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह कल तक यथास्थिति बनाए रखे। अदालत कल इस मामले पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है। गौरतलब है कि वकीलों द्वारा सूचित किया गया था कि राज्य सरकार आज रात तक इन झुग्गियों को गिरा देगी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय से रोक लगाने की मांग की गई थी।


खबरों के अनुसार याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कोर्ट को बताया कि मामले में 2016 से लगी रोक को हाईकोर्ट ने हटा लिया है, यदि सुप्रीम कोर्ट ने रोक न लगाई तो प्रशासन आज ही सारी झुग्गियों को हटा देगा। वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की बेंच को बताया कि हाईकोर्ट ने 2016 में लगाई रोक को हटा लिया है, जिसके बाद अब सरकार ने इन झुग्गियों को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से तोड़फोड़ पर रोक लगाने की मांग की थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के साथ ही केंद्र और रेलवे को भी नोटिस जारी किया है।

दरअसल, गुजरात में सूरत-जलगांव रेलवे लाइन पर दस किलोमीटर के दायरे में यह झुग्गियां बसी हुई हैं। इन झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई प्रस्तावित है, जिसके बाद झुग्गियों के लोग इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि रेलवे बिना किसी नोटिस और पुनर्वास के उन्हें हटाना चाहता है। बता दें कि इससे पहले गुजरात में झुग्गियों को लेकर मामला सुर्खियों में था, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम होना था, बात बीते साल 2020 की है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे को लेकर झुग्गी-झोपड़ियों के आसपास दीवार खड़ी की जा रही थी, जिसको लेकर खूब विवाद हुआ था। इसके तुरंत बाद झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का मामला सामने आया, यह झुग्गी-झोपड़ी उस मोटेरा स्टेडियम के पास है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प का स्वागत किया था।