कोसी और सीमांचल की गरीबी यहां की बच्चियों के लिए अभिशाप बनती जा रही है. दूसरे राज्यों के लोग पैसे के बल पर यहां की बच्चियों से शादी करते हैं और साथ ले जाते हैं. ताजा मामला मुरलीगंज थाना क्षेत्र के रजनी परसादी चौक का है. यहां स्थानीय लोगों की सूझबूझ और प्रशासन के सहयोग से एक नाबालिग बच्ची यूपी के अधेड़ से ब्याही जाने से बच गई. इस मामले में पुलिस ने 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.
मधेपुरा सदर अनुमंडल के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में है रजनी परसादी चौक. यहां उत्तर प्रदेश के शामली से आया 40 वर्षीय शख्स 14 साल की नाबालिग बच्ची से शादी कर रहा था. जब गांव वालों को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने मुखिया को बताया और मुखिया ने यह सूचना प्रशासन तक पहुंचाई. मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों ने शादी को रोकी और दूल्हे समय 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. देर रात सभी अभियुक्तों को थाने लाया गया और सुबह जेल भेज दिया गया.
परसादी चौक में शादी करने आए शख्स का नाम ज्वाला सिंह (40) है. वह बताता है कि इस इलाके की कई लड़कियों की शादी उसके इलाके में हुई है. इस शादी के लिए मध्यस्थ बनी जुलेखा खातून भी यह बात स्वीकार करती है कि उसने भी अपनी बेटी की शादी दूसरे राज्य में की है. यह शादी बच्ची के माता-पिता की सहमति से हो रही थी.
बताया जाता है कि पीड़ित बच्ची को बहला-फुसलाकर उसके फूफा के घर शादी के लिए दलालों के सहयोग से लाया गया था. यहां इस बेमेल जोड़े को देखकर लोगों ने इसकी सूचना मुखिया दे दी. फिर मुखिया की सूचना पर पुलिस ने रात में ही छापेमारी कर यह शादी रुकवाई और दूल्हे सहित इस शादी में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
लड़की के भाई ने भी बताया कि उसे भी इस शादी की कोई जानकारी माता-पिता ने नहीं दी थी. अगर दी होती वह ऐसा कभी होने नहीं देता. इस मामले में मुरलीगंज के प्रभारी बाल विकास परियोजना परिषद के पदाधिकारी अहमद राजा खान ने मुरलीगंज थाने में केस दर्ज कराया है. रजनी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजीव राजा ने बताया कि बच्ची की उम्र करीब 14 साल है, जबकि दूल्हे की 40 वर्ष. उन्होंने बताया कि इस शादी के लिए लड़की के पिता को 30000 रुपए दिए गए थे. उन्होंने कहा कि जिले में बच्चियों को शादी के बहाने बाहर ले जाने वालों का नेटवर्क इस इलाके में सक्रिय है.