साल 2020 में एक बार फिर चंद्रग्रहण लगने वाला है. ये ग्रहण साल का अंतिम ग्रहण है, जो आने वाले 30 नवंबर (Chandra Grahan 2020) को पड़ने वाला है. इस चंद्रग्रहण को उपच्छाया (Upachhaya) ग्रहण कहा जा रहा है. खास बात तो ये है कि, 30 नवंबर को लगने वाला ग्रहण साल का चौथा चंद्रग्रहण है. इससे पहले लगने वाले चंद्रग्रहण की बात करें तो साल 2020 में 10 जनवरी को पहला, 5 जून को दूसरा और 5 जुलाई को तीसरा चंद्रग्रहण देखा गया था.
हालांकि साल का लगने वाला चौथा चंद्रग्रहण बहुत ही खास बताया जा रहा है. बता दें कि चंद्रग्रहण वाले दिन ही कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रही है. ज्योतिषियों की माने तो इस दिन ही कार्तिक स्नान की भी समाप्ति होगी. यही नहीं इस दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी है. जो हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. दरअसल 30 नवंबर को चंद्रग्रहण तो लगेगा ही साथ ही इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी मनाई जाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस ग्रहण की शुरूआत 30 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 4 मिनट पर होगी, इसके बाद ग्रहण का मध्यकाल 30 नवंबर की दोपहर 3 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. ग्रहण की समाप्ति 30 नवंबर की शाम 5 बजकर 22 मिनट पर होगा.
किसे कहते हैं उपच्छाया चंद्रग्रहण
इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पूर्ण और आंशिक ग्रहण के साथ ही उपच्छाया ग्रहण भी होता है. जो 30 नवंबर को लगेगा. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये उपच्छाया ग्रहण क्या होता है और ऐसा क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि, चंद्रग्रहण ऐसे हालात को कहा जाता है, जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया के बजाय सिर्फ और सिर्फ उसकी उपच्छाया पड़ती है. इस दौरान चंद्रमा पर केवल एक धुंधली सी छाया दिखाई पड़ती है.
ऐसे में पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने की वजह से चंद्रमा की इमेज धूमिल पड़ जाती है. कहा जाता है कि, जब भी कोई भी चन्द्रग्रहण शुरू होता है, तो ग्रहण लगने से पहले ही चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है. इसके कारण चंद्रमा की चमक कम हो जाती है. यही नहीं बल्कि चंद्रमा का प्रभाव भी थोड़ा कम हो जाता है. जिसे उपच्छाया के नाम से जाना जाता है. लेकिन 30 नवंबर को लगने वाले ग्रहण में चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्ष में प्रवेश नहीं करेगा इस वजह से ये ग्रहण नहीं कहलाया जाएगा.