जानवर हमेशा से ही खूंखार और खतरनाक होते हैं. लिहाजा उनसे हमेशा दूरी बनाकर रखना ही बेहतर होता है. बहुत से जानवर ऐसे भी होते हैं जो प्यार के बदले प्यार देना जानते हैं. अच्छे लोगों की अच्छी नीयत को कुछ जानवर बखूबी भांप लेते हैं. जो जानवर समझदार और प्यारे होते हैं लोग उन्हें पालते भी हैं लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो लाख समझाने और सिखाने पर भी नहीं सुधरते. एक ऐसा ही बंदर उम्रकैद की सजा काटने को मजबूर हो गया. जिसकी हिंसक हरकतों से वन विभाग के साथ साथ पर्यटक भी दहशत में थे.
कानपुर में कालिया नाम का शैतान बंदर उम्रकैद की सजा काट रहा है. वो 250 लोगों को हिंसा का शिकार बना चुका है. उस शैतान बंदर के टारगेट पर हमेशा महिलाएं और बच्चे हुआ करते थे. जिन पर झपट्टा मारकर उनके मांस का टुकड़ा ही काट निकालता था. उसकी हरकतों से परेशान वन्य विभाग ने उसे उम्रकैद की सजा दी. लेकिन 5 साल कैद रहने के बाद भी वह नहीं सुधरा.
दहशतगर्द ‘कालिया’ को मिली उम्रकैद की सज़ा
कानपुर के प्राणी उद्यान के पिंजरे में बंद का लिया की दहशत मिर्जापुर में इतनी थी कि महिलाएं और बच्चे उसके नाम से भी खौफ खाने लगे थे. महिला और बच्चों को देखते ही कालिया नाम का बंदर हमलावर हो उठता था और उन पर हमला कर जिस जगह को निशाना बनाता था वहां का मांस ही नोच निकालता था. वो खूंखार हो चुका था जिसके वजह से उसे मिर्जापुर से पकड़कर कानपुर के प्राणी उद्यान में बंद करना पड़ा. लेकिन उसकी फितरत अब भी नहीं बदली है.
उम्रकैद की सज़ा काट रहे बंदर को मांस और नशे ने बना दिया खूंखार
खूंखार बंदर कालिया पिछले 5 साल से कानपुर के प्राणी उद्यान में उम्रकैद की सजा काट रहा है लेकिन उसके व्यवहार में एक अब तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ. जबकि उसके साथ बंद कई और जानवरों में सुधार देखकर उन्हें मुक्त कर दिया गया. लेकिन वो अब भी कैद है. पशु चिकित्सक डॉक्टर मोहम्मद नासिर के मुताबिक ये बंदर खुले में छोड़ने लायक बिलकुल नहीं है. इसके आगे के दांत इतने पैने हैं, जिससे वह लोगों का मांस उखाड़ लेता है. दरअसल इस बंदर के खूंखार होने के पीछे एक वजह है. वो ये है कि पहले बंदर को एक तांत्रिक ने पाल रखा था. जो इसे खाने पीने के लिए खूब मांस और शराब देता था. जिसकी वजह से इसका व्यवहार उग्र होता चला गया और जब तांत्रिक की मौत हो गई तो ये और ज्यादा खूंखार और हमलावर हो गया.