जहां एक तरफ भारत में लोगों के बीच कोरोना की तीसरी लहर का कहर बना हुआ है वहीं केरल में फैल रहे निपाह वायरस के बढ़ते कहर ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि केरल में 12 साल के लड़के की निपाह वायरस से मौत की पुष्टि की गई है, जिसके बाद से प्रशासन अलर्ट हो गई है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रही है क्योंकि इसके लक्षण काफी हद तक कोरोना वायरस से मिलते जुलते हैं।
क्या है निपाह वायरस और इंसानों में कैसे फैलता है?
निपाह वायरस एंसेफ्लाइटिस से जुड़ा संक्रमित रोग है, जो चमगादड़, कुत्ते, बिल्लियों के सलाइवा या ड्रॉपलेट से इंसानों में फैल सकता है। WHO के मुताबिक, यह खतरनाक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में भी फैल सकता है। बता दें कि पहली बार निपाह वायरस का मामला सिंगापुर और मलेशिया में 1998 -1999 में सामने आया था। 2004 में बांग्लादेश में भी इसके मामले सामने आए थे फिर 2018 में केरल में इसका प्रकोप देखने को मिला। भारत में निपाह वायरस का पहला मामला साल 2001 में आया था। उसके बाद 2007, 2018-19और 2021 में भी इसकी पुष्टि की गई थी।
दिखें ये लक्षण तो हो जाए सतर्क
संक्रमण की शुरुआत इंसेफेलाइटिक सिंड्रोम से होती है, जिसके लक्षण 5 से 14 दिन में नजर आते हैं।, जो इस प्रकार है…
. तेज बुखार
. लगातार सिरदर्द
. मांसपेशियों में दर्द
. चक्कर आना, थकान होना, होश न रहना
. गले में खराश, उल्टी, सूजन
. निमोनिया और सांस से जुड़ी दिक्कतें
. दौरे पड़ना
अगर समय पर इलाज ना करवाया जाए तो व्यक्ति 24 से 48 घंटों तक कोमा में भी जा सकता है।
कोरोना के मुकाबले धीमी निपाह की रफ्तार
एक्सपर्ट की मानें तो निपाह वायरस कोविड-19 के मुकाबले धीमी गति से फैलता है इसलिए इसके मामले ज्यादा नहीं दिखाई दिए। निपाह वायरस और कोविड के लक्षणों में काफी समानताएं हैं, जैसे दोनों इंफेक्शन में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश जैसे सिम्पटम्स दिखते हैं इसलिए सतर्क रहें।
निपाह वायरस के लिए नहीं बनी दवा
बता दें कि निपाह वायरस को खत्म करने के लिए अभी कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। मरीज को सपोर्टिव ट्रीटमेंट के जरिए ठीक करने की कोशिश की जाती है। इसके अलावा उन्हें इम्यूनिटी बूस्ट वाली दवाएं व डाइट देकर ठीक किया जाता है।
निपाह वायरस से कैसे बचें?
ना पीएं कुएं का पानी
हेल्थ एडवाइजरी के मुताबिक, चमगादड़ के कुतरे हुए फल ना खाएं और कुएं, छप्पड़, तलाब व नदी का पानी सीधा पीने से भी बचें।
इंफैक्टिड व्यक्ति से रहें दूर
अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दे तो उनसे 6 गज की दूरी बनाकर रखें। खासकर बच्चों को बीमार व्यक्ति के करीब ना जाने दें। संक्रमित व्यक्ति के शव से भी दूर रहें।
गर्म पानी में धोएं फल सब्जी
जब भी बाजार से कोई फल जैसे केला, आम व खजूर लाएं तो उसे गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर धोएं। साथ ही खुले में टंगी मटकी वाली ताड़ी का सेवन करने से बचें।
साफ-सफाई का रखें ख्याल
घर का साफ-सफाई का खास ख्याल रखें, खासकर शौचालय की बाल्टी व मग का। साथ ही मरीज के लिए यूज किए जाने वाले सामान को भी अलग रखें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
. ऐसे इलाकों में जाने से भी बचें, जहां वायरस फैला हो।
. हाथों को नियमित तौर पर साफ करते रहें।
. जानवरों का मल-मूत्र, जंगली घास या पेड़ को छूने से बचें
. घर से बाहर जाते समय फेस मास्क जरूर लगाएं।
निपाह वायरस किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है इसलिए कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।