अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देशवासियों से माफी मांगी है। गनी उस वक्त देश छोड़कर चले गए थे, जब अफगानिस्तान संकट से जूझ रहा था। उन पर लाखों डॉलर और कारों के काफिले के साथ ही देश छोड़ने का आरोप लगा था। हालांकि इन सभी आरोपों पर बुधवार को गनी ने सफाई दी।
ट्विटर पर दिए स्टेटमेंट में गनी ने कहा, तालिबान के अप्रत्याशित रूप से 15 अगस्त को अचानक कब्जा करने और काबुल छोड़ने के लिए मैं अफगान लोगों के लिए एक स्पष्टीकरण देना चाहता हूं। तालिबान ने जब शहर में प्रवेश किया, तब मैंने महल की सुरक्षा के आग्रह पर देश छोड़ दिया। काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल व उसके 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था।
मैंने अपने जीवन के 20 साल एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य के निर्माण की दिशा में अफगान लोगों की मदद करने के लिए समर्पित किए हैं – लोगों या उस दृष्टि को छोड़ने का मेरा इरादा कभी नहीं था।
गनी ने कहा, अब मेरे जाने से पहले की घटनाओं के लंबे मूल्यांकन का समय नहीं है। मैं निकट भविष्य में उन्हें विस्तार से संबोधित करूंगा। मुझे अब निराधार आरोपों को संबोधित करना चाहिए। यह आरोप कि जब मैं काबुल से निकला तो मैं अपने साथ अफगान लोगों से संबंधित लाखों डॉलर ले गया, पूरी तरह से स्पष्ट रूप से झूठे हैं।
उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार एक प्लेग है, जिसने दशकों से हमारे देश को अपंग बना दिया है। भ्रष्टाचार से लड़ना राष्ट्रपति के रूप में मेरे प्रयासों का केंद्र बिंदु रहा है। मुझे एक ऐसा राक्षस विरासत में मिला है, जिसे आसानी से या जल्दी से हराया नहीं जा सकता। मैं और मेरी पत्नी अपने व्यक्तिगत वित्त के प्रति ईमानदार रहे हैं। मैंने अपनी सारी संपत्ति सार्वजनिक रूप से घोषित कर दी है।