नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar government) ने आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से ठीक पहले जाति आधारित जनगणना (Census) और आर्थिक सर्वे (economic survey) के आधार पर चिह्नित 94 लाख से भी ज्यादा परिवारों को दो-दो लाख रुपये देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है.
बिहार कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. इसके बाद राज्य में 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे.
बीते दिनों बिहार में जातीय जनगणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि राज्य में चिह्नित 94 लाख से भी ज्यादा गरीब परिवारों को राज्य सरकार द्वारा दो-दो लाख रुपये लघु उद्योग के लिए दिए जाएंगे.
राज्य सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत राज्य सरकार गरीब परिवारों को दो-दो लाख लाख रुपए देगी. राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित कर दी है और 62 ऐसे उद्योग को भी चिह्नित किया है, जिसके लिए यह पैसे दिए जाएंगे.
इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे. इस योजना का लाभ उठाने के लिए मापदंड यह है कि गरीब परिवार की आमदनी 6000 रुपये महीने से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार दो-दो लाख रुपये की राशि तीन किस्तों में देगी, जिसमें पहली किश्त 25 फीसदी होगी जबकि दूसरी किश्त 50 फीसदी होगी. वहीं, तीसरी किश्त 25 फीसदी होगी.
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार सरकार के इस फैसले को नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जिसके जरिए राज्य सरकार 94 लाख से भी ज्यादा गरीब परिवारों को आर्थिक मदद कर रही है.