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18 साल बाद पकड़ा गया सलमान का झूठ, कोर्ट से बचने के लिए मांगी माफी

बॉलीवुड(Bollywood) के बजरंगी भाईजान के नाम से फेमस सलमान खान (Salman Khan)पर कई सालों से  काला हिरण शिकार मामले(Black deer hunting case) का केस दर्ज है, जब सलमान से इसके लिए लाइसेंस (License) की मांग की गई थी, तो सलमान ने एक Affidbit कोर्ट में पेश किया था कि उनका लाइसेंस कही खो गया है। वो बात वहीं पर खत्म हो चुकी थी, लेकिन अब एक बार फिर सलमान के ऊपर संकट गहरा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज 18 सालों बाद सलमान का झूठ पकड़ा गया है। उनका ये शपथ पत्र झूठा निकला है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 फरवरी को इस मामले में जोधपुर कोर्ट सुनवाई हुई थी। अब इस मामले में कोर्ट अपना फैसला कल यानि की 11 फरवरी को सुनाएगी।

2003 में पेश किया था लाइसेंस खो जाने का शपथ पत्र

बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट में बताया कि 8 अगस्त 2003 को भूल से गलत शपथ पत्र दे दिया गया था। काला हिरण शिकार मामले मे जब सलमान को गिरफ्तार किया गया तो कोर्ट ने उनसे हथियारों का लाइसेंस मांगा था कि साल 2003 में कोर्ट में शपथ पत्र देकर सलमान ने बताया था कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है।

नहीं गुम हुआ था लाइसेंस

जब एफआईआर की कॉपी भी कोर्ट में पेश हुई थी, लेकिन जानकारी मिलने पर कोर्ट को पता चला कि सलमान का लाइसेंस गुम नहीं हुआ है। उन्होंने खुद लाइसेंस के रिन्यू के लिए हथियार License renewal branch में पेश किया हुआ था। इसके बाद तत्कालीन लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने कोर्ट में CRPC 340 के अंतर्गत एक अर्जी पेश कर कहा कि सलमान खान कोर्ट को गुमराह करने का कोशिश कर रहे है और उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इस मामले में जिला एवं सत्र जिला जोधपुर कोर्ट में 9 फरवरी को सुनवाई हुई।
सलमान के पक्ष में रखी दलील

इस मामले में सलमान का पक्ष रखते हुए उनके वकील हस्तीमल सारस्वत ने ये दलील करते हुए बोला है कि सलमान खान जाने माने अभिनेता हैं और वो काम के कारण काफी बिजी रहते हैं। इस कारण से सलमान के दिमाग से ये बात निकल गई थी कि उनका लाइसेंस नवीनीकरण के लिए पेश हुआ है। सारस्वत ने सलमान खान को इस मामले में बरी करने की अपील की। आखिर में दोनों पक्षों की बहस खत्म हुई तो कोर्ट में सलमान के अधिवक्ता ने ये स्वीकार किया कि उनसे गलती हुई है, लेकिन ये गलती अनजाने में हुई है। अब 11 फरवरी को कोर्ट इस प्रार्थना पत्र पर अपना आदेश सुनाएगी।