दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi-Mumbai Express Way) पर दो दिन पहले एक कार बड़ी तेज रफ्तार से चली जा रही थी. यह कार खास थी. इसमें केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) अपने पूरे अमले के साथ बैठे हुए थे. जिस एक्सप्रेसवे पर यह कार 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी, उस सड़क का ‘स्पीड टेस्ट’ लिया जा रहा था. इसी दौरान एक वाकया हुआ, जो बड़ा रोचक है.
अपने बेबाक बयानों और अफसरों से तेवरदार अंदाज में काम कराने के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री गडकरी कार में बैठे-बैठे ही अचानक थर्मस से चाय निकालकर पीने लगे. चाय पीते हुए गडकरी ने अफसरों से कहा, ‘अगर एक बूंद चाय भी नीचे गिरी तो आप लोगों की खैर नहीं.’
केंद्रीय मंत्री और उनके अफसरों के बीच कार में हुई इस बातचीत के बारे में किसी बाहरी को खबर नहीं लगती, लेकिन खुद नितिन गडकरी ने ही यह बात जाहिर कर दी. उन्होंने कहा कि हाईवे को इतना स्मूथ बनाया गया है कि 120 किलोमीटर से ज्यादा की रफ्तार पर वाहन चल सकेंगे. गडकरी ने कहा कि कि प्रदेश को देश की लॉजिस्टिक कैपिटल बनाने में केंद्र सरकार, राज्य सरकार का हर संभव सहयोग करेगी, यह मेरा वादा है.
इंदौर-मुंबई की दूरी रह जाएगी 4 घंटे
बता दें, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे बनने से मुंबई की मिनी मुंबई इंदौर से दूरी महज 4 घंटे की रह जाएगी. जबकि अभी इंदौर से मुम्बई पहुंचने में 11 घंटे से ज्यादा का समय लगता है. ऐसे में ये एक्सप्रेस वे एमपी के आर्थिक विकास की एक नई इबारत लिखेगा. 1380 किलोमीटर लम्बा 8 लेन वाला ये एक्सप्रेस वे मार्च 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा.
इस हाइवे के बनने से मुंबई और इंदौर के बीच 11 घंटे का समय घटकर 4 घंटे रह जाएगा. इससे दोनों आर्थिक राजधानियों के बीच व्यापार और आसान हो जाएगा. इससे मालवा के लोगों को रेडीमेड कपड़े, सराफा, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, फल-सब्जियों, अनाज का एक बहुत बड़ा बाजार मिल जाएगा.
कई मायनों में मिलेगी सहूलियत
इस एक्सप्रेस-वे के बनने से ट्रैफिक जाम खत्म होगा. साथ ही, लॉजिस्टिक्स-ट्रांसपोर्टेशन लागत में भी कमी आएगी. इंदौर से मेडिकल हेल्प के लिए कई बार मरीजों को रेफर किया जाता है, अब ये और आसान हो जाएगा. 1350 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे का अकेले मध्य प्रदेश में 8500 करोड़ की लागत से 8 लेन मार्ग बन रहा है. जरूरत पड़ने पर दूसरे फेज में इसे 12 लेन का बनाने का प्रस्ताव है.