क्रिकेट (Cricket) में बाजी कभी भी पलट सकती है. इसीलिए इसे अनिश्चिताओं का खेल भी कहते हैं. इस खेल का इतिहास तमाम लो स्कोरिंग और हाई स्कोरिंग मैचों के पन्नों से भरा पड़ा है. हम यहां जिस T20 मुकाबले (T20 Match) की बात करने जा रहे हैं उसमें एक पूरी टीम 17 साल के तेज गेंदबाज की लहर में उड़ती दिखी है. उसके बल्लेबाज अपना विकेट फेंकते दिखे हैं. दाएं हाथ के उस गेंदबाज के कहर के आगे विरोधी बल्लेबाजों के लिए विकेट पर पांव टिका पाना भी मुश्किल हो गया है. हम बात कर रहे हैं मालटा बनाम बेल्जियम (Malta vs Belgium) के बीच खेले मुकाबले की.
बेल्जियम की टीम इस वक्त मालटा के दौरे पर है. इस दौरे पर 8 जुलाई को दोनों टीमों के बीच सीरीज का दूसरा T20 खेला गया. इस मुकाबले में मेजबान मालटा ने पहले बल्लेबाजी की, लेकिन, उनकी शुरुआत जो बिगड़ी वो आखिर तक नहीं सुधरी. बेल्जियम के गेंदबाजों को खेल पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था. खासकर 17 साल के बर्मन नियाज को, जिन्होंने अकेले ही मालटा के बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया था.
4 ओवर, 8 रन, 4 विकेट… 17 साल के गेंदबाज का कहर
बेल्जियम के गेंदबाजों के आगे मालटा का कोई भी बल्लेबाज विकेट पर जम नहीं सका. 10 में से 9 बल्लेबाज दहाई का अंक छू पाने में नाकाम रहे. वहीं सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज का स्कोर 15 का रहा. बेल्जियम के हर एक गेंदबाज ने इस मैच में विकेट लिया. लेकिन बर्मन नियाज ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए. उन्होंने 4 ओवर में 8 रन देकर 4 विकेट चटकाए. नतीजा ये हुआ कि मालटा की टीम 20 ओवर भी नहीं खेल सकी और 13 ओवर में 50 रन पर ऑलआउट हो गई.
17 साल के गेंदबाज का कहर, फिर दिखी 21 साल के बल्लेबाज की लहर
अब बेल्जियम के सामने जीत के लिए 51 रन बनाने की चुनौती थी, जिसे उसने 21 साल के अपने बल्लेबाज हशीदुल्लाह की खेली 21 गेंदों पर 214.28 की स्ट्राइक रेट से खेली नाबाद 45 रन की पारी के दम पर 84 गेंद पहले ही हासिल कर लिया और इसी के साथ 10 विकेट से मुकाबला भी जीत लिया. बेल्जियम के सामने लक्ष्य 20 ओवर का था. लेकिन उसने टारगेट को 5.3 ओवर यानी 33 गेंदों पर ही चेज कर लिया. बेल्जियम की इस जीत के साथ सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई है. इससे पहले दोनों टीमों के बीच खेला पहला T20 मालटा ने 6 विकेट से जीता था.