पंचांग के अनुसार नाग पंचमी का पर्व 13 अगस्त 2021, शुक्रवार को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता के आधार पर नाग पंचमी का पर्व नाग देवता को समर्पित है। इस दिन नाग देव की पूजा की जाती है। सावन का महीना चल रहा है। सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है।
भगवान शिव के गले में नाग देव लिपटे रहते है। नाग देवता भगवान शिव की गले की शोभा बढ़ाते हैं। इसलिए इस दिन भगवान शिव की भी विशेष पूजा की जाती है। भगवान शिव की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। नाग पंचमी पर नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ माना गया है।
कालसर्प दोष (Kalsarp Dosh)
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है। कालसर्प दोष राहु और केतु से ही जन्म कुंडली में निर्मित होता है। कालसर्प दोष जब कुंडली में बनता है तो व्यक्ति को बहुत कष्ट सहन करने पड़ते हैं। जिस प्रकार सांप अपने शिकार को जकड़ लेता है, उसी प्रकार से कालसर्प दोष व्यक्ति को परेशानियों में इतना जकड़ लेता है। कालसर्प दोष व्यक्ति को शिक्षा, धन, करियर, जॉब, सेहत और व्यापार में भी परेशानी देता है। दांपत्य जीवन और अन्य रिश्तों को भी खराब करता है। इसलिए इस दोष को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। कालसर्प दोष के कारण लगभग चालीस साल तक संघर्ष करता है। इसलिए इस दोष का उपाय बहुत ही आवश्यक माना गया है। नांग पंचमी पर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और राहु और केतु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।