विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization-WHO)) ने 12 देशों में कम से कम 92 मंकीपॉक्स (monkeypox) वायरस मिलने की पुष्टि की है। डब्ल्यूएचओ ने ये भी चेतावनी दी है कि आने वाले समय में ये वायरस वैश्विक स्तर पर फैल सकता है। जानकारी के मुताबिक अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, इटली और स्वीडन में मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित लोगों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 21 मई तक 92 लेब में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित सेंपल की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा 28 संदिग्ध मामलों की जांच चल रही है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक उन लोगों में जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है उनमें मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि होना चिंताजनक है। जानकारी के मुताबिक मंकीपॉक्स वायरस उन लोगों में फैल रहा है जो या तो संक्रमित लोगों के संपर्क में आ रहे हैं, उनके इस्तेमाल किए हुए कपड़े या तौलिए के संपर्क में आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने फ्रंटलाइन वर्कर और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है क्योंकि ये वायरस मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में सफाई कर्मचारी और स्वास्थ कर्मियों के संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है।
जानकारी के मुताबिक मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में दिखने वाले लक्षणों के समान लक्षण होते हैं। जिन लोगों को मंकीपॉक्स होता है उनमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट और हाथों और चेहरे पर चेचक जैसे दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि चेचक का टीका इस वायरस को खत्म करने में 85 फीसदी तक प्रभावी है।