केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी (Culture Minister GK Reddy) ने रविवार को उन सभी अफवाहों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि कुतुब मीनार परिसर (Qutub Minar Complex) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) द्वारा खुदाई की जाएगी। रेड्डी ने कहा, ”ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है.” केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार को लेकर अपील दायर की गई है।
मई के दूसरे सप्ताह में उस वक्त विवाद बहुत बढ़ गया था जब दक्षिण दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार परिसर के बाहर एक दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा स्मारक का नाम बदलकर ‘विष्णु स्तम्भ’ किए जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. इसे बाद पुलिस ने 44 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया कि कुतुब मीनार ‘विष्णु स्तम्भ’ है जिसे ‘महान राजा विक्रमादित्य’ ने बनावाया था।
उन्होंने कहा था, ‘लेकिन बाद में, कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने का प्रयास किया. परिसर में 27 मंदिर थे और उन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था. इन सबके प्रमाण उपलब्ध हैं क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में रखी हुई हिंदू देवताओं की मूर्तियों को लोग देख सकते हैं. हमारी मांग है कि कुतुब मीनार को विष्णु स्तम्भ नाम दिया जाना चाहिए.’
प्रदर्शनकारियों ने यहां ‘जय श्री राम’ का जाप और हनुमान चालीसा का पाठ किया. उन्होंने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं जिन पर कुतुब मीनार का नाम विष्णु स्तम्भ किए जाने की मांग की गई थी. गोयल ने दावा किया कि परिसर में मूर्तियां विभिन्न स्थानों पर रखी हुई हैं. उन्होंने मांग की कि उन मूर्तियों को एक ही स्थान पर रखा जाना चाहिए और ‘हमें वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।’