रिर्पोट :-गौरव सिंघल वरिष्ठ संवाददाता,सहारनपुर। (दैनिक संवाद ब्यूरो)। राष्ट्रीय संबंध परिषद भारत सरकार के महानिदेशक एंबेसेडर दिनेश पटनायक ने नन्ही बालिका देवी प्रत्यक्षा की ऑडियो रिलीज करते हुए कहा कि दुनिया को जोड़ने का कार्य संस्कृति से ही संभव है युद्ध से नहीं। उन्होंने कहा कि दुनिया की संस्कृति की जानकारी रखने वाली 10 साल की नन्ही प्रत्यक्षा ने अंग्रेजी भाषा में अनूठा गाना देकर भारत की सांस्कृतिक उदारता का परिचय दिया है। जिसका आधार योग वह विश्व बंधुत्व है।
दिनेश पटनायक ने कहा कि प्रत्यक्षा के गाने ‘टेक मी अवे’ ने मेरे इस विश्वास को बल दिया है कि वह दुनिया के लिए भारतीय संस्कृति के द्वार खोलेगी। राष्ट्रीय संबंध परिषद भारत सरकार के महानिदेशक एंबेसेडर दिनेश पटनायक ने कहा कि इस गाने को सुनकर मैंने अनुभव किया कि बरसों से एक सफल राजनयिक के रूप में देश-विदेश में भारतीय संस्कृति की जड़ें मजबूत करने के लिए समर्पित आचार्य प्रतिष्ठा ने देवी प्रत्यक्षा के रूप में नई पीढ़ी को बालपन से ही सोच का अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज दिया है। मैं सांस्कृतिक संबंध परिषद के महानिदेशक नाते अनुभव करता हूं कि मानवीय संवेदनाओं के आधार पर प्रत्यक्षा की यह रचना दुनिया को करीब लाने का काम करेगी।
आजतक के वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना ने प्रत्यक्षा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आजकल ऑनलाइन क्लास के दौर में जिस उम्र में बच्चे क्लास छोड़ कर किसी तरीके से यूट्यूब पर कोई वीडियो देखने की जुगत में लगे रहते हैं उस छोटी सी उम्र में प्रत्यक्षा ने तो अपना खुद का वीडियो ही बना दिया और वह भी अंडरप्रिविलेज्ड बच्चों के लिए जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसीलिए हुआ है कि उनका जन्म मोक्षायतन में हुआ है और उन पर आचार्य प्रतिष्ठा का और पूज्य गुरुदेव स्वामी भारत भूषण जी का आशीर्वाद है।
प्रसिद्ध जैन धर्म गुरु आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि विलक्षण प्रतिभा की धनी 10 वर्षीय देवी प्रत्यक्षा के टेक मि अवे गाने ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया है। उन्होंने ये गीत गरीबों बच्चों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए समर्पित किया है। इससे पूर्व भी उन्होंने अपना नाम रोशन किया जब उन्होंने मॉरीशस में माय लाइफ माय योगा कॉन्टेस्ट जीता था और पांच साल की उम्र में प्रधानमंत्री के संस्कृत संभाषण की वीडियो प्रस्तुति देकर प्रधानमंत्री की तरफ से वाहवाही बटोरी थी। मैं उनको अहिंसा विश्व भारती की तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। अर्मेनिआ में भारत के राजदूत के डी देवल ने कहा कि जिस उम्र में बच्चे जन्म दिवस की पार्टियों में जाने या खेलने कूदने के बारे में सोचते हैं उस उम्र में देवी प्रत्यक्षा ने 10 वर्षीय उम्र में यह गाना टेक मी अवे गरीब बच्चों के लिए समर्पित किया। यह बहुत बड़ी बात है। इस उम्र में इस गहरी व व्यापक सोच के गाने को लिखना असामान्य बात है।
कथा मनीषी संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि छोटी सी उम्र में इतना बड़ा काम तो राधा वल्लभ श्री कृष्णा ही कर सकते हैं, उनकी सीधी कृपा देवी प्रत्यक्षा को प्राप्त है। वहां हमारा आशीर्वाद बहुत छोटा हो जाता है। विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव एम्बेसडर अमरेंद्र खाटुआ ने कहा कि इतनी कम उम्र में ऐसे संवेदनशील विषय पर इतना सुंदर गाना लिखना और गाना कोई सामान्य बात नही है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज के प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या ने इसे हर्ष व उल्लास का दिन बताते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय और शांतिकुंज की तरफ से देवी प्रत्यक्षा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी भारत भूषण व आचार्या प्रतिष्ठा विश्व में योग का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं और अब अब देवी प्रत्यक्षा ने उस परंपरा को आगे ले जाने का काम संभालने से बड़ी उम्मीद जगी है। प्रसिद्ध कथा मनीषी देवी चित्रलेखा ने कहा हमारी भारतीय संस्कृति बड़ी ही अद्भुत है। जिसे आगे बढ़ाने का काम नन्ही साध्वी देवी प्रत्यक्ष ने संभाला है।
विश्व हिंदी सचिवालय के महासचिव विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि वंचितों के जीवन में खुशियां लाने उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरने की अद्भुत कोशिश मां भारती की एक 10 वर्षीय आसाधारण बेटी देवी प्रत्यक्षा सारस्वत ने की है। जो सुखद आश्चर्य है कि ये गीत उन्होंने स्वयं लिखा संगीत बद्ध किया और अपनी मल्हार आवाज में गया भी। उन्होंने कहा कि मॉरिशस प्रवास के दौरान मुझे इन्हें तीन वर्ष तक नजदीक से देखने जानने समझने का अवसर मिला और तभी से में इन्हें डिवाइन गिफ्ट कहा करता था। उन्होंने कहा तेजस्वी व्यक्तियों की उम्र की समीक्षा नहीं की जाती और कहा भारत भूमि में ही ऐसे कारनामे संभव है जो प्रत्यक्षा ने कर दिखाएं, मैं सुंदरदीप मॉरीशस से टोकरी भर भर के शुभकामनाएं देता हूं।
हिंदुस्तान टाइम्स मीडिया एफएम के बिजनेस हेड नीरज सारस्वत ने कहा कि मुझे रेडियो मीडिया में लंबे अनुभव के आधार पर जब मैं किसी टैलेंट को देखता हूं तो मैं पहचान जाता हूं कि वह कितना आगे जाएगा जब मैंने प्रत्यक्षा का गाना टेक मी आवे सुना तो मुझे यह एहसास हुआ कि यह आने वाली अंतरराष्ट्रीय स्टार है और यह बहुत आगे जाएगी। मुंबई से शामिल फिल्म और टेलीविजन लेखक प्रोड्यूसर दिव्य निधि शर्मा ने कहा मैंने प्रत्यक्षा का गाना सुना जो प्रत्यक्षा ने खुद लिखा और गाया है और यह विश्वास करना मुश्किल है कि प्रत्यक्षा सिर्फ 10 साल की हैं। मोटिवेशनल स्पीकर सीए अजय जैन, रेडियो फीवर एफएम क्रिटिएव हेड सुमंत रॉय, अंतरराष्ट्रीय कथक गुरु राजेंद्र गंगानी ने भी अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि आठ वर्ष की उम्र में ही स्वयं द्वारा रचे गये भक्ति गीत और नए राग की रचना के साथ ही 5 वर्ष की उम्र में बनाई गई पेंटिंग व वीडियो के कारण नरेंद्र मोदी से सराहना पत्र पा चुकी है देवी प्रत्यक्षा की जड़ें सहारनपुर में हैं यह बहुत अच्छी बात है। देवी प्रत्यक्षा ने बताया कि रिलीज होने वाला चर्चित गीत ‘टेक मि अवे’ का मकसद संगीत के माध्यम से वंचित बच्चों के जीवन में खुशी और राहत पहुंचाना है।रिलीज होने के साथ ही देवी प्रत्यक्षा का यह गाना अमेजॉन म्यूजिक, एप्पल म्यूजिक, स्पॉटिफाई, सावन, फेसबुक म्यूजिक, इंस्टाग्राम म्यूजिक आदि प्लेटफार्म को उपलब्ध करा दिया गया है। प्रत्यक्षा ने कहा कि जिस तरह उसके नाना पद्मश्री स्वामी भारत भूषण और मां आचार्य प्रतिष्ठा योग के माध्यम से दुनिया को राहत देने का कार्य कर रहे हैं, वही काम वह अपने गीत व संगीत के माध्यम से करना चाहती है।