केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने संशोधित फॉर्म 26एएस को अधिसूचित कर दिया है। इनमें स्रोत पर कर संग्रह या कर कटौती का ब्योरा होता है। अब इस फॉर्म में संपत्ति और शेयर लेनदेन की सूचना को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही फॉर्म 26एएस को नया रूप दिया गया है। अब इसमें टीडीएस-टीसीएस के ब्योरे के अलावा कुछ निश्चित वित्तीय लेनदेन, करों के भुगतान, किसी करदाता द्वारा एक वित्त वर्ष में डिमांड-रिफंड से संबंधित लंबित या पूरी हो चुकी प्रक्रिया की सूचना को शामिल किया गया है। इसका ब्योरा आयकर रिटर्न में देना होगा। इसके क्रियान्वयन के लिए बजट 2020-21 में आयकर कानून में एक नई धारा 285 बीबी को शामिल किया गया था। सीबीडीटी ने कहा कि संशोधित 26एएस फॉर्म एक जून से प्रभावी होगा।
बता दें कि फॉर्म 26एएस में करदाता के द्वारा चुकाए गए टैक्स की जानकारी दी गई होती है। वहीं अगर आपने ज्यादा टैक्स जमा कर दिया है तो रिफंड हासिल करने के लिए इसकी भी जानकारी उसमें रहती है। किसी वित्त वर्ष के लिए टैक्सपेयर्स को अगर रिफंड मिला हुआ है तो उसकी भी जानकारी इस फॉर्म में रहती है। कर्मचारियों को समय-समय पर ट्रेसेज की वेबसाइट पर फॉर्म 26AS को चेक करते रहना चाहिए। अगर टैक्सपेयर्स का पैन नंबर टीडीएस से जुड़ा है तो वेबसाइट के ऊपर टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट को भी देखा जा सकता है। यानि कि अब हर ट्रांजैक्शन की जानकारी आपको मिल सकेगी।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों आयकर दाताओं को बड़ी राहत दी थी। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को राहत देते हुए 2019-20 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 करने की घोषणा की थी।