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हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने APP को बताया कालनेमि कहा- इनका राम से कोई मतलब नहीं, मजबूरी में आए हैं अयोध्या

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अयोध्या से अपने अभियान की शुरुआत कर दी है.
मंगलवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की अगुवाई में ‘आप’ ने अयोध्या में तिरंगा यात्रा निकाली. इस दौरान राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह भी मौजूद रहे. वहीं, इस तिरंगा यात्रा पर बीजेपी से लेकर संतों तक ने निशाना साधा है.
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ‘आप’ की तिरंगा यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जो पहले भगवान राम का और अयोध्या का नाम लेने से कतराते थे. क्यों कि इन्हें अपने वोट बैंक के खिसकने का डर सताता था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रभाव का नतीजा है कि आज बीजेपी की सरकार आने के साथ ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, आज इन लोगों (विपक्ष) को भगवान राम की याद आई है. ये लोग सिर्फ राम के नाम के नाम पर वोट हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. जनता जानती है कि राम भक्तों पर गोलियां किसने चलवाई थीं और भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल किसने उठाया था. कानून मंत्री मंगलवार को अयोध्या पहुंचे हुए थे, जहां उन्होंने हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचकर दर्शन और पूजा किया था. साथ ही लक्ष्मण किला में ‘अयोध्या की रामलीला’ के भूमि पूजन कार्यक्रम में भी शामिल हुए.
कानून मंत्री ने हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज जी और लक्ष्मण किलाधीश के महंत श्री मैथिली रमण शरण जी महाराज जी से भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान महंत राजूदास ने मनीष सिसोदिया और संजय सिंह सहित आम आदमी पार्टी को कालनेमि का नाम दिया. उन्होंने कहा कि ये लोग कालनेमि का रूप धर के राम भक्तों को छलने आए हैं. इन्हें राम से कोई मतलब नहीं है. इन्हें सिर्फ राजनीति करनी है, इसलिए आज इन्हें राम याद आ रहे हैं.
महंत राजूदास ने कहा, रही बात रामलला पर अधिकार का तो रामलला सबके हैं, हर कोई दर्शन कर सकता है, लेकिन यह रामलला के दर्शन करने नहीं आए, बल्कि यह मजबूरी में अयोध्या आये हैं. क्योंकि इन्हें वोट की राजनीति करनी है. वहीं तिरंगा यात्रा पर उन्होंने कहा कि यह सराहनीय कदम है, लेकिन जब जम्मू-कश्मीर में तिरंगे का अपमान होता है, सैनिकों पर गोलियां चलाई जाती हैं तब ये लोग आवाज क्यों नहीं उठाते? तिरंगे की शान में एक शब्द उनके मुंह से क्यों नहीं निकलता? ऐसे लोगों से समाज को सावधान रहने की जरूरत है.
बता दें, ‘आप’ की इस तिरंगा यात्रा में करीब 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए. शहर के गुलाब बाड़ी मैदान से निकलकर प्रमुख मार्गों से होती हुई तिरंगा यात्रा सिविल लाइन स्थित गांधी पार्क गई.