विश्व के कई देशों में कोरोना संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है। कई देशों में कोरोना वायरस के रिकार्ड मामले सामने आ रहे हैं। यूरोपीय देश स्पेन में भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम नहीं रही है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 1,79,125 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद स्पेन में पहली बार नए मरीजों की इतनी संख्या मिली है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान देश में 125 मरीजों की मौत भी हुई है। इसके साथ ही स्पेन में अब तक 90,508 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है। कई अन्य देशों की तरह स्पेन भी अब ओमिक्रोन स्ट्रेन के प्रसार से जुड़ी कोरोना महामारी की एक नई लहर का सामना कर रहा है।
ओमिक्रोन हल्की बीमारी नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे सबूत मिल रहे हैं कि ओमिक्रोन प्रतिरक्षा शक्ति से बच निकल सकता है, लेकिन अन्य स्वरूपों की तुलना में इससे बीमारी की गंभीरता कम है। उन्होंने इस बारे में भी आगाह किया कि डेल्टा स्वरूप की तुलना में भले ही ओमिक्रोन से बीमारी के कम गंभीर होने को लेकर कुछ जानकारियां हैं, लेकिन यह हल्की बीमारी नहीं है। ओमिक्रोन के चलते भी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ ही रही है।
डब्ल्यूएचओ की सलाह
वहीं, डब्ल्यूएचओ की एक तकनीकी निकाय ने कहा है कि ओमिक्रोन से मुकाबला करने के लिए वर्तमान कोरोना वैक्सीन पर फिर से काम करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि वे इसके खिलाफ प्रभावी हो सकें। स्वतंत्र विशेषज्ञों वाले इस तकनीकी समूह ने कहा है कि वे ओमिक्रोन के मद्देनजर टीकाकरण संरचना में बदलाव पर विचार करेंगे और जोर देंगे टीके ज्यादा प्रभावी हो सकें। निकाय ने कहा कि एक बेहतर बूस्टर डोज के लिए जरूरी है कि वह वैध, व्यापक, प्रभावी और लंबे समय तक कारगर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देने वाली हो। यह वैक्सीन ऐसी होनी चाहिए जिससे बार-बार बूस्टर डोज के की जरूरत न महसूस हो।