यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य नीति अपनाते हुए फिरोजाबाद के सिरसागंज में अवैध भूमि कब्जा मामले में शामिल पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. उप-जिलाधिकारी, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल व एक अन्य अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. सरकार की ओर से सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ.साथ एफआईआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया था.
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता और पद के दुरुपयोग के आरोप में की गई है. राज्य के सतर्कता विभाग की ओर से आय से अधिक संपत्ति रखने वाले सभी लोगों के खिलाफ जांच के निर्देश भी जारी किये गये हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि चाचा-भतीजे की जोड़ी 2017 से पहले हुई सरकारी भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्ट आचरण में शामिल थी. सीएम योगी बिना नाम लिए आमतौर पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव व उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव को चाचा-भतीजा, चाचा-भतीजा कहते हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वह मिशन रोजगार कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूपीएसएसएससी द्वारा ष्निष्पक्ष व पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए 7720 लेखाकारों, लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किए.