यूपी में चल रहे सियासी उठापठक के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अचानक आज शाम दिल्ली पहुंचे। सीएम योगी देर शाम गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है दोनों के बीच यूपी मंत्रिमंडल विस्तार, संगठन के फेरबदल आदि पर चर्चा हो सकती है। आज ही सीएम योगी कुछ अन्य केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी मुलाकात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी कल सुबह पीएम आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते है। कल ही सीएम योगी का बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने का कार्यक्रम है।
कल देर शाम में संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ हुई थी बैठक :
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने कल देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक की थी। भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर थे। वह शाम को लखनऊ लौटे। वहीं महामंत्री संगठन सुनील बंसल पूर्वांचल के दौरे पर थे। वाराणसी से लौटने के बाद शाम सात बजे के बाद दोनों नेता मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे। वहां उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक हुई। हालांकि बताया गया कि इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्षों के उम्मीदवारों के नामों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंथन किया गया। साथ ही ब्लाक प्रमुखों के उम्मीदवारों पर भी चर्चा हुई। भाजपा का ज्यादा फोकस फिलहाल ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने का है ताकि विधानसभा चुनावों के लिए बड़ा संदेश दिया जा सके।
बीएल संतोष केे दौरे के बाद बदलाव के लगे कयास :
लगभग दो सप्ताह पहले भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ का तीन दिवसीय दौरा किया। इस दौरान उन्होंने दोनों उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग बैठक की। चर्चा होने लगी कि बीजेपी यूपी में बदलाव करने जा रही है। एमएलसी एके शर्मा को डिप्टी सीएम और केशव प्रसाद मौर्या को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास शुरू हो गए। लखनऊ से दिल्ली सेे जाते समय एक ट्वीट कर कयासों पर विराम लगा दिया। संतोष ने यूपी में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए किए गए प्रयास और टीकाकरण की विशेष मुहिम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। जिसे भावी राजनीति से भी जोड़कर देखा गया।
अटकलों को विराम देने की कोशिश
संतोष के इन ट्वीट का राजनीतिक अर्थ निकाला गया। इसे हाल में लगी उन अटकलों को विराम देने की कोशिश माना जा रहा है जिनमें उत्तर प्रदेश में चुनाव के पहले कई बदलावों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी कई तरह के कयास लग रहे थे। हालांकि, अधिकृत तौर पर भाजपा ने इस तरह के किसी अभियान से इनकार किया था। दरअसल, यह सारा विवाद पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद शुरू हुआ, जिसमें भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी।