बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए मतदान शुरू हो चुके हैं और आज बिहार की जनता तय करेगी कि वह राज्य की कमान किसके हाथों सौपेंगी. बिहार चुनाव के लिए प्रचार भी काफी जोर-शोर हुआ है और कई नए चेहरे इस बार चुनावी रण में उतरे हैं. तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा कि, ये उनका आखिरी चुनाव है, इसके बाद वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. नीतीश कुमार के इस ऐलान के बाद से विपक्षी दलों ने उनपर जमकर निशाना साधा तो वहीं सीएम ने बिहार की जनता से अपील करते हुए कहा कि, वह उन्हें आखिरी बार मौका दें.
6 बार सीएम पद की शपथ
नीतीश कुमार राजनीति के सारे दांव-पेंच जानते हैं और कब-कैसे क्या करना है उन्हें सबकुछ अच्छी तरह से मालूम है. तभी तो 70 साल के नीतीश कुमार बिहार के 6 बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं.पर अब वह संन्यास लेना चाहते हैं. नीतीश कुमार ने संन्यास का ऐलान 70 की उम्र में आकर किया है मगर जब उनकी उम्र महज 29 साल थी तभी उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का मन बना लिया था.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई और राजनीति
नीतीश कुमार ने राजनीति में आने से पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और कुछ वक्त तक नौकरी भी की. इसके बाद वह 1974 से 1977 तक चले जेपी आंदोलन से जुड़ गए और 1977 में पहली बार विधानसभा चुनाव में हरनौत सीट से जनता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा.इस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 26 साल थी और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था. वैसे दिलचस्प बात ये है कि इसी सीट से उन्होंने चार बार चुनाव लड़ा. जिसमें दो बार जीत मिली और दो बार हार.
राजनीति से संन्यास लेने का मन
हरनौत सीट से दो बार चुनाव लड़ने पर जब नीतीश कुमार को सिर्फ हार मिली तो उन्होंने राजनीति छोड़ने का मन बना लिया था. उस वक्त उनकी उम्र 30 साल करीब थी और पढ़ाई के 7 साल हो चुके हैं.वहीं माता-पिता ने शादी कर दी थी इस वजह से नीतीश के कंधों पर जिम्मेदारी भी थी. लेकिन कमाई ना कर पाने का दुख उन्हें परेशान करना लगा. इस वजह से उन्होंने हताश होकर राजनीति छोड़ ठेकेदार बनने का सोचा. मगर यहां भी किस्मत पलटी मार गई.
किस्मत ने मारी पलटी
मन में ठेकेदार बनने का सपना देख रहे नीतीश कुमार राजनीति से दूर होना चाहते थे. लेकिन 1985 में तीसरी बार उन्होंने किस्मत आजमाने के लिए फिर से हरनौत सीट से चुनाव लड़ा और इस बार वह लोकदल के प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरे. यहीं से किस्मत ने पलटी मारी औरउन्हें 21 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल हुई. इसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कामयाबी मिलती गई और वह लोकसभा पहुंचे और केंद्र में मंत्री भी रहे. 70 साल के हो चुके नीतीश कुमार ने अब राजनीति छोड़ने का मन बनाया है और अपील करते हुए कहा कि अंत भला तो सब भला.