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सात फेरे लेने के बावजूद दुल्हन ने शादी से किया इंकार, धरने पर बैठे बाराती

शादियों का सीजन शुरू होने के साथ ही दूल्हा-दुल्हन की तरफ से कई अजीबो गरीब घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। कही दूल्हा बारात ले जाने से पहले घर से भाग जाता है तो कहीं दुल्हन (bride) दरवाजे पर बारात पहुंचने के बाद शादी करने से इंकार कर देती है। कई बार तो दोनों पक्षों में बात इतनी बढ़ जाती है कि पुलिस को आकर मामले का निपटारा करना पड़ता है।

ऐसा ही एक मामला झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची में देखने को मिला। यहां एक दुल्हन (bride) ने सात फेरे लेने के बावजूद शादी से इंकार कर दिया। दुल्हन के इस इंकार से दोनों पक्षों में हड़कंप मच गया। नाराज बाराती दुल्हन (bride) के दरवाजे पर ही धरने पर बैठ गए और मांग करने लगे कि या तो दुल्हन (bride) शादी करके दूल्हे के साथ उसके घर चले या फिर शादी में जो भी खर्च हुआ है लड़की वाले उसे तुरंत वापस करें।

जानकरी के मुताबिक मामला रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र के मौसीबाड़ा इलाके का है। यहां एक शादी में उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी जब दुल्हन सात फेरे लेने के बाद सिंदूरदान से पहले मंडप से उठकर चली गई और शादी से इनकार कर दिया। हालांकि शादी से इनकार करने के बाद दूल्हे और दुल्हन (bride) पक्ष के लोगों ने उसे बार-बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी और अपना फैसला बदलने से इंकार कर दिया है। दुल्हन ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर अपना फैसला नहीं बदलेगी।

बता दें कि रांची के मांडर इलाके के निवासी विनोद लोहरा की शादी धुर्वा की रहने वाली चंदा लोहरा के साथ तय हुई थी। विनोद तय तारीख यानी कि 29 जून को बारात लेकर होने वाली दुल्हन (bride) चंदा के घर पहुंचा था। बारात दरवाजे पर पहुंची और तय कार्यक्रम के मुताबिक, शादी की सभी रस्में शुरू हुईं। वरमाला हो गई और दोनों ने सात फेरे भी ले लिए लेकिन जब सिंदूर दान का समय आया तो दुल्हन (bride) चंदा अचानक मंडप से उठ कर चली गई और शादी करने से इंकार कर दिया।

दुल्हन के अचानक मंडप से जाने और शादी से इंकार करने से हड़कंप मच गया। दुल्हन (bride) ने अपने माता-पिता से कहा कि उसे लड़का पसंद नहीं है और वह यह शादी नहीं करना चाहती है। मामले को लेकर लड़की के पिता जगदीश लोहरा ने बताया कि बहुत समझाने के बावजूद लड़की शादी करने के लिए तैयार नहीं है और लड़के पक्ष के लोग शादी में खर्च हुए पैसे मांग रहे हैं लेकिन हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि हम उन्हें वापस कर पाएं।