मध्यप्रदेश के सीहोर के प्रसिद्ध शिव महापुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जिन्होंने सनातन पर सवाल उठाए हैं. सनातन को बीमारी बताने वाले लोगों से प्रदीम मिश्रा ने कहा है कि वह लोग पहले अपने दादा-परदादा के नाम का पता लगाएं क्योंकि वह भी सनातनी ही थे. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सनानत धर्म ही सभी का मूल है और सभी का बाप है. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कई विषयों पर अपने विचार रखे.
जानकारी के मुताबिक पंडित प्रदीप मिश्रा इंदौर पहुंचे हैं. यहां पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत की. प्रदीम मिश्रा से जब सवाल किया गया कि प्रदेश में किसकी सरकार बनने जा रही है. इस पर पंडित प्रदीम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में भोलेनाथ की सरकार ही बनेगी. उन्होंने उपदेश देते हुए कहा कि राजनीति में अगर किसी को 5 साल के लिए सिंहासन मिला है तो उन्हें इस शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए बल्कि सदउपयोग करना चाहिए.
भारत बोलने से होती है छाती चौड़ी
पंडित प्रदीप मिश्रा ने साधु-संतों की राजनीति की बात पर कहा है कि मठ को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि राजनीति में सिर्फ राष्ट्रहित की बात होनी चाहिए. जब प्रदीप मिश्रा से सवाल किया गया कि क्या वे राजनीति में आ सकते हैं तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वह कथा वाचन में ही संतोष महसूस कर रहे हैं और उन्हें राजनीति में आने की कोई आवश्यकता नहीं है. इंडिया और भारत के जवाब में उन्होंने भारत की तरफदारी करते हुए कहा कि इंडिया तो कुछ लोगों ने रख दिया था जबकि भारत बोलने से देशवासियों की छाती चौड़ी होती है.
सनातन सबका बाप है
समानत धर्म को लेकर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद कई और नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. कोई सनातन को डेंगू बता रहा है तो कोई कुछ बोल रहा है. ऐसे में पंडित प्रदीप मिश्रा से जब इन बयानों पर प्रतक्रिया देने को कहा तो उन्होंने कहा कि सभी को सनातन की राह पर चलना चाहिए क्योंकि हमारे बच्चों की परिभाषा और रहन-सहन बदल रहा है. सनातन से ही हमारे बच्चों में संस्कार आएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म ही सभी का मूल है और सभी का बाप है. जो लोग इसे डेंगू बोल रहे हं उन्हें पहले अपने दादा-परदादा का नाम बताना चाहिए क्योंकि पहले वे भी सनातनी थे.
आप क्यों डेंगू की औलाद हैं?
पंडित प्रदीप मिश्रा ने सनातन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जो लोग इस डेंगू बोल रहे हैं क्या वे डेंगू की औलाद हैं? ऐसे लोगों को भगवान भोलेनाथ सद्बुद्धि दे. उन्होंने कहा कि किसी को भी अपनी वाणी से किसी दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर दिल नहीं दुखाना चाहिए.