दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री (health minister) रहे सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी. इस पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली की एक अदालत (court) ने कहा है कि सत्येंद्र जैन के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं. इसके बाद सत्येंद्र जैन पर ईडी का शिकंजा और कस सकता है.
ईडी के सबूत से कोर्ट संतुष्ट
हालांकि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस चार्जशीट को लेकर ईडी को कई बातों के लिए कड़ी फटकार भी लगाई है. वहीं कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ जो सबूत पेश किए हैं, कोर्ट उनसे संतुष्ट है. ये सबूत मनी लॉन्ड्रिंग में सत्येंद्र जैन की संलिप्तता दिखाने के लिए पर्याप्त है. ?
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है- जो सबूत रिकॉर्ड पर मौजूद हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि आरोपी की संलिप्तता दिखाने के लिए ये सबूत प्रारंभिक तौर पर पर्याप्त हैं. कोर्ट ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून-2002 की धारा-4 और धारा-3 के तहत अपराध का संज्ञान भी लिया.
किया ‘हवाला’ के पैसों का इस्तेमाल
ईडी की चार्जशीट में सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ ‘हवाला’ के पैसों का इस्तेमाल करने का आरोप है. ये पैसे दिल्ली और आसपास के इलाकों में एग्रीकल्चरल लैंड खरीदने के काम लाए गए. ईडी ने अपनी चार्जशीट में सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, उनके सहयोगी अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन का नाम शामिल किया है. वहीं अकिंचन डेवलपर्स, प्रयास इंफोसॉल्युशंस, मंगलायतन डेवलपर्स और जे. जे. आईडियल एस्टेट नाम की कंपनियों का नाम भी शामिल किया गया है.
जांच शुरू होने और हिरासत में लिए जाने से पहले सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, बिजली और कुछ अन्य विभागों के मंत्री थे. अभी वो सरकार में बिना विभाग के मंत्री हैं. ईडी ने जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था.
ईडी को लगी फटकार
चार्जशीट का संज्ञान लेने के साथ ही कोर्ट ने ईडी को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में गलत तरीके से सत्येंद्र जैन को आरोपी कंपनियों का ‘जिम्मेदार व्यक्ति’ बताया है, जबकि वो ना तो इन कंपनियों में डायरेक्टर हैं और ना ही इससे जुड़े हुए हैं. कोर्ट ने ईडी से सवाल किया- कैसे ये कंपनियां सिर्फ सत्येंद्र जैन का नाम लिख देने से उनकी हो जाएंगी? क्या आप पहली बार कोई मामला दायर कर रहे हैं? सिर्फ इसलिए कि ‘सत्येंद्र जैन के माध्यम से’ लिखा है तो कंपनी उनकी नहीं हो जाएगी. कोर्ट को दस्तावेज देने से पहले आपने उसकी पड़ताल नहीं की थी क्या?
अजीत और सुनील को मिली अंतरिम जमानत
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने इस मामले में अब उन सभी आरोपियों को समन किया है, जिन्हें अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है. अब मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी. साथ ही अदालत ने आरोपी अजीत जैन और सुनील जैन को अंतरिम जमानत दे दी है. उन्हें ये जमानत 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर दी गई है. कोर्ट ने अजीत और सुनील जैन के वकीलों को अगली तारीख पर नियमित जमानत याचिका दाखिल करने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन वीडियो कॉल से जुड़े हुए थे. जबकि अंकुश और वैभव जैन को न्यायिक हिरासत से कोर्ट लाया गया था.
आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ ईडी की जांच से शुरू हुआ भ्रष्टाचार के आरोपों का दायरा अब और बढ़ रहा है. इसके अलावा हाल में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. वहीं ट्रांसपोर्ट विभाग में करप्शन के मामले को लेकर एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) को एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं.