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सत्ता व प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता है, वैमनस्य नहीं होना चाहिए : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने कहा कि लोकतन्त्र में (In Democracy) सत्ता व प्रतिपक्ष की विचारधाराओं (Ideologies of Power and Opposition) में अंतर हो सकता है (There can be Difference) वैमनस्य नहीं होना चाहिए (There should be No Animosity) । राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द सोमवार को आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की संयुक्त सभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल में सत्ता पक्ष तथा प्रतिपक्ष के बीच गरिमापूर्ण सौहार्द का गौरवशाली इतिहास रहा है। यूपी की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व भौगोलिक विविधता यहां के लोकतन्त्र को और भी समृद्ध बनाती है। यूपी की 20 करोड़ से अधिक की आबादी, अनेकता में एकता की हमारी सांस्कृतिक विशेषता का बहुत अच्छा उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी राजनीति के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के लिए इससे बढ़कर गर्व की बात क्या हो सकती है कि इस राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित सांसदों में से नौ प्रधानमंत्रियों ने अब तक देश को नेतृत्व प्रदान किया है। विधान मण्डल का इतिहास अद्भुत उदारता और व्यापकता के उदाहरण प्रस्तुत करता है। राज्य में ही, स्वाधीन भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के निर्वाचन का इतिहास रचा गया।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी अनेक ऐसे अज्ञात व गुमनाम स्वाधीनता सेनानी रहे हैं, जिनके विषय में और अधिक जानकारी सुलभ होनी चाहिए। विख्यात सेनानियों के विषय में भी और अधिक जानकारी का प्रसार होने से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उनको विश्वास है कि जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयास से उत्तर प्रदेश शीघ्र ही हर तरह से उत्तम प्रदेश बनेगा। उन्होंने कहा कि आज से 25 वर्ष बाद जब हमारे देशवासी आजादी की शताब्दी का उत्सव मना रहे होंगे तब उत्तर प्रदेश विकास के मानकों पर भारत के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो चुका होगा और हमारा देश विश्व समुदाय में विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने जनप्रतिनिधियों से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि विधानमण्डल लोकतंत्र का मंदिर होता है। जनता आप सबको अपना भाग्यविधाता मानती है। प्रदेश की जनता को आप सबसे बहुत सी उम्मीदें और अपेक्षाएं हैं। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही आपका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य  है। आपकी जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं चाहें उन्होंने आपको वोट दिया हो या नहीं। इसलिए हर व्यक्ति के हित में कार्य करना आपकी जिम्मेदारी है।उन्होंने कहा कि यदि हम यूरोप के तीन महत्वपूर्ण लोकतांत्रित देशों की बात करें। जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम की जनसंख्या को मिलाकर जितनी उनकी कुल आबादी है उतनी अकेले यूपी की है। राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक विविधता यहां के लोकतंत्र को और भी समृद्ध और मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ से अधिक की आबादी अनेकता में एकता की हमारी संस्कृति विशेषता का बहुत अच्छा उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करती है। इस महत्वपूर्ण राज्य में आप सबका जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होना विशेष महत्व की बात है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक समावेश की ²ष्टि से यह एक अच्छी उपलब्धि है कि वर्तमान विधानमण्डल में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व का दायरा कहीं अधिक व्यापक हुआ है। लेकिन मुझे बताया गया है कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या सैंतालिस है। लेकिन इतनी संख्या से संतोष नहीं करना चाहिये। जो 403 सदस्यों का लगभग 12 प्रतिशत है। इसी प्रकार कुल 100 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य वर्तमान 91 में महिलाओं की संख्या केवल 5 है। जो आज की तारीख में साढ़े पांच प्रतिशत है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व में वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं। ये आप सब पर निर्भर करता है कि इन संभावनाओं को कैसे तलाशें और सुधारें।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश को इस संदर्भ में एक अग्रणी राज्य बनाना चाहिये। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि नीति आयोग की इंडेक्स रिपोर्ट 2020-21 के तहत महिलाओं व पुरुषों के बीच वेतन का अंतर अन्य राज्यों के अपेक्षा उत्तर प्रदेश में सबसे कम है। यह जेंडर इक्वेलिटी का एक महत्वपूर्ण मानक है। इस उपलब्धि के लिए मैं उत्तर प्रदेश की सरकार को साधुवाद देता हूं।उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का भारत में पहला स्थान है। इसी प्रकार आम, गन्ना, दूध के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में सड़कों के निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। रेल व एयर कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा अन्य राज्यों में विदेशों में आर्थिक प्रगति के प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं।

अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनैतिक व प्रशासनिक स्थिरता की संस्कृति का निर्माण करते हुए यह विश्वास जगाया है कि निकट भविष्य में ही यूपी द्वारा आर्थिक प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित किये जाएंगे। पर्यटन, फूड प्रोसेसिंग, इनफार्मेशन टैक्नोलॉजी तथा अर्बन डेवलपमेंट की संभावनाएं इस प्रदेश में उपलबध है। निष्कर्ष के तौर में मैं कह सकता हूं कि यूपी में जैसी उपजाऊ भूमि व कृषि के लिए सहायक परिस्थितियां हैं वो पूरे विश्व व भारत में अन्य प्रदेशों में कहीं पर भी नहीं है। कृषि के क्षेत्र में उत्पादन के साथ उत्पादकता कृषि आधारित उद्यमों पर और अधिक ध्यान देकर आर्थिक स्थिति में बहुत बड़े बदलाव किये जा सकते हैं। खुशी होती है कि केन्द्र और राज्य की सरकार मिलकर इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील हैं।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनैतिक परंपरा को और मजबूत बनाना है। इस वर्ष हम सब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस महोत्सव का एक उद्देश्य शहीदों को याद करना है। नई पीढ़ी को इनके बारे में जानना चाहिये। उन्होंने आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले स्वाधीनता सेनानियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के क्रांतिकारियों की सूची इतनी लम्बी है कि सबके नामों का उल्लेख करना किसी एक सम्बोधन में करना संभव नहीं है। मैं चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश के ऐसे क्रातिवीरों की याद में शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान मालाएं आयोजित की जाएं। अन्य माध्यमों के जरिये उनकी जीवनगाथाओं से लोगों को अवगत कराया जाए।