पाकिस्तान में सरकार जरूर बदल गई है लेकिन वहां के हाल जस के तस बने हुए हैं. महंगाई की मार झेल रहा देश कर्ज में दबा हुआ है. सत्ता परिवर्तन के बाद अब शहबाज शरीफ सरकार भी दूसरे देशों के आगे हाथ फैलाने को मजबूर है. पाकिस्तान ने सऊदी अरब से स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) में जमा राशि न निकालने की अपील की है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि सरकार ने सऊदी अरब से स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) को दी गई अपनी जमा राशि वापस नहीं लेने और इस्लामाबाद के लिए अपनी तेल सुविधा का विस्तार करने का अनुरोध किया है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, कराची में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से वादे करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा, ‘वे वादे बारूदी सुरंगों से कम नहीं हैं. अब, हम पिछली सरकार के आईएमएफ के साथ किए गए वादों के साथ फंस गए हैं.’
उन्होंने कहा कि खान ने पाकिस्तान के इतिहास में सबसे तेजी से बढ़ती महंगाई को छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान ऐतिहासिक कर्ज लिया. पिछली सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था.
उन्होंने कहा, ‘बुशरा बीबी की दोस्त फराह गोगी और शहजाद अकबर पीटीआई सरकार का कार्यकाल खत्म होने के तुरंत बाद देश छोड़कर चले गए.’ उन्होंने सवाल किया कि पंजाब में फराह के निर्देश पर ट्रांसफर और पोस्टिंग क्यों की गई.